उत्तराखण्ड
वनों में रह रहे वंचित और असहाय गुर्जरों को न्याय दिलाने वाली एडवोकेट तन्नू
नैनीताल: आज हम आपको मिलाने जा रहे है एक ऐसी शख्सियत से जिन्होंने सन 1830 से वनों में रह रहे वंचित और असहाय गुर्जरों को न्याय दिलाया वह है एडवोकेट तन्नू प्रिया जोशी
जिन वन गुर्जरों को उत्तराखंड का वन विभाग अतिक्रमणकारी बताकर दस साल से उन्हें उनके खेतों से खदेड़ रहा था उन्हें न्याय दिलाया है पहाड़ की बेटी तनू प्रिया जोशी ने
आज”दि संडे पोस्ट” की टीम के रोमिंग एडिटर व टीम के अन्य सदस्य गुर्जरों को न्याय दिलाने वाली हाईकोर्ट नैनीताल की अधिवक्ता तन्नू प्रिया जोशी के भवाली (नैनीताल) स्थित घर पर पहुंचे।

सुश्री तन्नू प्रिया जोशी ने जब से हाईकोर्ट नैनीताल में प्रेक्टिस शुरू की थी तब से ही उसका सपना था उन वन गुर्जरों को न्याय दिलाने का जिन्हें आतंकवादी, अपराधी और अतिक्रमणकारी कहकर वर्षों से प्रताड़ित किया जाता रहा है।
1830 के दशक से ही चराई कर की रसीदें रखने के बावजूद, वन अधिकारियों ने बार-बार वन गुर्जरों के किसी भी दस्तावेज के होने के दावों को खारिज कर दिया था, तथा उन पर भूमि पर कब्जा करने और जंगल में अवैध गतिविधि चलाने का आरोप लगाए जाते रहे है।
तन्नू प्रिया जोशी की तथ्यात्मक दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट नैनीताल ने उत्तराखंड के जंगलों में रह रहे वन गुर्जरों को खेती कर उन्हें जीवन यापन करने का अधिकार दे दिया है
युवा अधिवक्ता तन्नू प्रिया जोशी को वन गुर्जरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने और उन्हें न्याय दिलाने पर गुर्जरों की टीम ने सम्मानित किया। रोमिंग एडिटर आकाश नागर के साथ नोएडा के वरिष्ठ अधिवक्ता जगवीर चौधरी और रमन जी मौजूद थे।











