उत्तराखण्ड
लता मंगेशकर की मृत्यु के बाद संगीत के प्रेमियों एवं भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को एक और बड़ा झटका नहीं रहे बप्पी दा।
लता मंगेशकर की मृत्यु के बाद संगीत के प्रेमियों एवं भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को एक और बड़ा झटका लगा है । करोड़ों दिलों की धड़कन और अपने संगीत से सब को रिझाने वाले बप्पी दा अब इस दुनिया में नहीं रहे।
बप्पी लहरी को एक महीने पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई जिस पर उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां मंगलवार को आधी रात के आसपास ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) के कारण मौत हो गई।
बता दें कि डिस्को किंग बप्पी लाहिड़ी का जन्म 1952 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में शास्त्रीय संगीत से एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था। उन्होंने 19 साल की छोटी उम्र में एक संगीत निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया। उनके पिता, अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां, बंसारी लाहिड़ी एक संगीतकार और एक गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं। बप्पी दा ने अपना पहला गाना 1972 में दादू फिल्म में गाया था।