रिपोर्टःशिवम मिश्रा
एजेंसियां कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर रही :अध्यक्ष आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ केजीएमयू
लखनऊ- संस्थान में लगभग 7000 कर्मचारी नर्सिंग स्टाफ तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर विगत कई वर्षोंसे भिन्न-भिन्न सेवा प्रदाता एजेंसियों के द्वारा कार्यरत हैं कुलसचिव केजीएमयू के द्वारा सभी सेवा प्रदाता एजेसियो को आदेशित किया जा चुका है कि प्रत्येक सेवा प्रदाता एजेंसी अपने अधीनस्थ कार्यरत कर्मचारियों को माह के प्रथम सप्ताह में भुगतान करना सुनिश्चित करें परंतु कुल सचिव के आदेश की मनमाने तरीके से यहां पर कार्यरत सेवा प्रदाता एजेंसियां अवहेलना कर रही है और माह के अंत तक कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर रही हैं और केजीएमयू प्रशासन इस समस्या की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है यहां तक की वित्तीय वर्ष 2022-23 के बोनस भुगतान एवं अक्टूबर माह के वेतन के भुगतान को दीपावली पर्व से पहले कराने के लिए भी केजीएमयू प्रशासन के द्वारा अभी तक कोई भी आदेश निर्गत नहीं किया गया है जिससे केजीएमयू जैसे बड़े संस्थान में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारी संशय की स्थिति में है कि वह अगर केजीएमयू प्रशासन के द्वारा दीपावली पर्व से पहले वेतन एवं बोनस का भुगतान नहीं कराया जाता है तो कर्मचारी अपने त्यौहार को कैसे मना पाएगा केजीएमयू संस्थान के द्वारा कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक के द्वारा करने के बाद कर्मचारियों के चार साप्ताहिक अवकाश के भुगतान की भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है जिससे समस्त आउटसोर्सिंग कर्मचारी अपने आप को पीड़ित एवं ठगा हुआ महसूस कर रहा है जबकि समस्त आउटसोर्सिंग कर्मचारी पूरी निष्ठा एवं लगन से केजीएमयू संस्थान में भिन्न-भिन्न पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं केजीएमयू संस्थान एवं सेवा प्रदाता एजेंसियों की मिली भगत से इस तरह के आदेश पारित कर दिए जाते हैं की जिसमें संपूर्ण अहित आउटसोर्सिंग कर्मचारी का ही हो रहा है जिसकी तरफ केजीएमयू प्रशासन का कोई भी ध्यान नहीं जा रहा है यहां तक की लेबर एक्ट में कर्मचारी के हित के जितने भी नियम है जिससे कर्मचारियों को काफी हद तक सुविधा प्राप्त हो सकती हैं उसको भी केजीएमयू प्रशासन एवं सेवा प्रदाता एजेंसियां कर्मचारियों पर दबाव की रणनीति बनाकर लागू नहीं कर रही है