उत्तराखण्ड
5, 6 मई को उत्तराखंड में अलर्ट,,,,,
उत्तराखंड में रविवार को मौसम ने अचानक करवट ली और अंधड़, बारिश तथा ओलावृष्टि ने जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत दिलाई, वहीं दूसरी ओर शासन-प्रशासन को सतर्क कर दिया है। प्रदेशभर में मौसम विभाग ने 5 और 6 मई के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो दिन भी मौसम की यही तस्वीर बनी रह सकती है।
चारधाम में भी मौसम ने बदला रुख
चारधाम क्षेत्रों — बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री — में दोपहर के बाद हुई बारिश से ठंड में अचानक बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना भी जताई गई है।
तेज हवाएं और बिजली गिरने की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) देहरादून के पूर्वानुमान के अनुसार 4 और 5 मई को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत एवं नैनीताल जिलों में गर्जना के साथ आकाशीय बिजली, तेज बारिश, ओलावृष्टि, तथा 40 से 50 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं की संभावना है।
6 और 7 मई को भी उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, देहरादून और नैनीताल जिलों में असामान्य मौसम की स्थिति बनी रहने का अनुमान है।
प्रशासन सतर्क, सभी विभाग हाई अलर्ट पर
मौसम पूर्वानुमान की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारियों ने सभी संबंधित अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
आपदा प्रबंधन, राजस्व, ग्राम विकास, पंचायतीराज, एनएच, पीडब्ल्यूडी, बीआरओ, व अन्य संबंधित विभागों को विशेष रूप से सतर्क किया गया है।
अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि:
किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
सड़क मार्ग बाधित होने की स्थिति में तत्काल बहाली के प्रयास किए जाएं।
चौकी/थाने स्तर पर आपदा उपकरण, वायरलेस सिस्टम और मोबाइल सेवाएं पूरी तरह चालू रहें।
हेलमेट, टॉर्च, छाता, बरसाती, फर्स्ट एड किट जैसे उपकरण अपने वाहनों में तैयार रखें।
विद्यालयों में सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए जाएं और विद्यार्थियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।
पर्यटकों के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आवाजाही पर रोक लगाने की सिफारिश की गई है।
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में पहले से तैयारी की जाए और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
लोगों के फंसे होने की स्थिति में खाद्य सामग्री और मेडिकल सहायता के पर्याप्त इंतजाम किए जाए ।











