उत्तर प्रदेश
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग द्वारा राष्ट्रीय टूथ ब्रशिंग दिवस के अवसर पर जागरूकता अभियान चलाया गया।
लखनऊ:राष्ट्रीय टूथ ब्रशिंग दिवस का उद्देश्य लोगों में मुख की सफाई और दांतों की देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन हर साल 7 नवंबर को मनाया जाता है ताकि सभी को दांतों की सफाई के सही तरीके और मुख स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जानकारी दी जा सके। शोधों के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 3.5 अरब लोग किसी न किसी प्रकार की मुंह की बीमारियाँ से प्रभावित हैं। भारत में भी मुंह की बीमारियाँ बड़ी समस्या हैं, जहां लगभग 80% लोग दांतों की सफाई के लिए केवल एक बार ब्रश करते हैं, और कई लोग अभी भी सही तरीके से ब्रश नहीं करते हैं।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग द्वारा राष्ट्रीय टूथ ब्रशिंग दिवस के अवसर पर आयोजित किए गए कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य मुंह की सफाई और स्वस्थ आदतों के महत्व को लोगों तक पहुंचाना था। विभागाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में, डॉ. गौरव मिश्रा, डॉ. सुमित कुमार पाल, डॉ. निशिता कंकाने, एवं सभी रेजिडेंट्स की देखरेख में ये कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुए।
दिन की शुरुआत मेडिकल और डेंटल ओपीडी में मुख स्वास्थ्य पर चर्चा और दांत साफ करने का प्रदर्शन से हुई। इसमें विशेषज्ञों ने मरीजों को मुंह की सफाई और स्वस्थ दांतों की देखभाल के महत्व के बारे में जानकारी दी। यह गतिविधि न केवल मरीजों को दांतों की देखभाल के प्रति जागरूक करने में सहायक रही, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि वे सही तकनीक अपनाएं जिससे वे दीर्घकालिक रूप से अपने दांतों को स्वस्थ रख सकें।
इसके बाद, इंटर्न्स के बीच मुख स्वास्थ्य पर आधारित क्विज का आयोजन किया गया, जिससे उनके ज्ञान को परखने और बढ़ाने का अवसर मिला। इस क्विज का उद्देश्य इंटर्न्स को मुख स्वास्थ्य से संबंधित नवीनतम जानकारी से जोड़ना था ताकि वे आगे चलकर अपने मरीजों को बेहतर सेवा प्रदान कर सकें।
6 नवंबर को विभाग ने सरोजनी नगर के एक स्कूल में कैंप का आयोजन किया, जिसमें बच्चों को मुख स्वास्थ्य पर चर्चा और दांत साफ करने का प्रदर्शन के माध्यम से मुंह की स्वच्छता की आदतें सिखाई गईं। उसी दिन, बंथरा सैटेलाइट क्लिनिक में भी ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों के लिए मुख स्वास्थ्य पर चर्चा और दांत साफ करने का प्रदर्शन का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का प्रभाव यह रहा कि बच्चों और ग्रामीण निवासियों में मुख स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी और उन्होंने दांत साफ करने के सही तरीकों को समझा। इससे उनमें सही आदतें विकसित होंगी जो उनके पूरे जीवन के लिए लाभदायक होंगी।