उत्तराखण्ड
टिहरी की धरती पर मिला लालढांग की बेटी श्रुति लखेड़ा को भागीरथ सम्मान
हरिद्वार: लालढांग की बेटी श्रुति लखेड़ा एक बार फिर सम्मानित हुयी हैं। इस बार श्रुति को टिहरी की धरती पर भगीरथ सम्मान से नवाजा गया है। वनाधिकार व प्राकृतिक रेेशों पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिये श्रुति को यह सम्मान मिला है। गांव वापसी कार्यक्रम के दौरान श्रुति लखेड़ा ने महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा की। दरअसल, बीते दिनों की ही बात है। उत्तराखण्ड टिहरी के सेमनागराजा की धरती पर हेरवाल गाँव में आयोजित त्रिदिवसीय गाँव वापसी संवाद सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर गंभीर चिंतन मंथन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों ने राज्य विकास पर चर्चा करते हुए इस बात पर अपनी राय रखी कि वर्ष 2047 तक राज्य का स्वरूप कैसा हो। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने के लिये कई लोगों को भगीरथ सम्मान सम्मानित भी किया गया। इस क्रम में लालढांग की बेटी श्रुति लखेड़ा को वनाधिकार व प्राकृतिक रेशों के क्षेत्रे में उल्लेखनीय कार्य करने के लिये सम्मानित किया गया। गांव वापसी नामक इस कार्यक्रम में श्रुति लखेड़ा ने पलायन रोकने के बाबत महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा की। इस अवसर कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार ग्रीन स्कूल के संस्थापक वीरेंद्र रावत ने हेरवाल गाँव में गाँव वापसी के तहत गुरुकुल पद्धति पर आधारित हरित विद्यालय संचालन का संकल्प लिया। कार्यक्रम में धर्माचार्य पण्डित वेद प्रकाश भट्ट,सेमनागराजा के पुजारी पण्डित रविन्द्र भट्ट,विधि विशेषज्ञ सेमनागराजा उपासक एडवोकेट लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल,सर्वाेच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र रावत,साहित्यकार डॉ बलवीर सिंह रावत,डॉ मयंक भट्ट,गजेंद्र सिंह रावत,सुरेंद्र सिंह रावत,डॉ मीना नेगी,युवा उद्यमी श्रुति लखेड़ा,सुधा जोशी,नीरज बावड़ी,तहसीलदार प्रतापनगर राजेन्द्र गुनसौला, लम्बगांव के थानाध्यक्ष महिपाल सिंह रावत, डॉ धीरेंद्र रांगड़,अंकित व्यास,ग्राफिक ऐरा के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी संजय जसौला अपने स्वयं स्वयं सेवियों के साथ उपस्थित रहे।