धर्म-संस्कृति
चैत्र पूर्णिमा एवं हनुमान जन्मोत्सव 2025।
12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार को पूर्णिमा उपवास तथा हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
मनोजवं मारुततुल्य वेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथ मुख्य, श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्ये ।।
भगवान भोले शंकर के ग्यारवे सबसे बलवान एवं बुद्धिमान अवतार श्री राम के परम भक्त श्री हनुमान जी का जन्म त्रेता युग में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के पावन पर्व पर हुआ तभी से प्रत्येक वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इस वर्ष हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी का प्रिय दिन शनिवार (क्योंकि शनि महाराज को शनिवार का दिन अति प्रिय है और शनि महाराज हनुमान जी को अपने आराध्य देव के रूप में पूजते हैं इसलिए हनुमान जी को भी शनिवार प्रिय है), होने से कुछ पर्व की महत्ता और भी विशेष बन गई है। हनुमान जन्मोत्सव पर हस्त/चित्रा नक्षत्र,हर्षण योग, बुधादित्य योग, तथा मीन राशि में पांच ग्रहों की युति से पंचग्रही योग का निर्माण होने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होंगे व सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।

शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 12 अप्रैल 2025 प्रातः 3:24 से 13 अप्रैल 2025 प्रातः 5:54 तक।
चंद्रोदय का समय सायंकाल 6:18 रहेगा।
अभीजीत मुहूर्त प्रातः 11:56 से 12:47 तक।
पूर्णिमा उपवास
जिन जातकों का चंद्रमा कमजोर स्थिति में हो मुख्यतः चंद्रमा छठे, आठवें एवं बारवे भाव में विराजमान हो तथा चंद्रमा की युति राहु, केतु या शनि के साथ हो तो ऐसी स्थिति में जो जातक पूर्णिमा का उपवास प्रारंभ करना चाहते हैं चैत्र पूर्णिमा से प्रारंभ कर सकते हैं पूर्णिमा का उपवास रखने से मानसिक शांति प्राप्त होती है, संतान को लेकर कोई समस्या है एवं वैवाहिक जीवन में कोई समस्या उत्पन्न हो रही है पूर्णिमा के उपवास मात्र से ही सभी कष्टों का नाश होता है। (पूर्णिमा को सफेद वस्तुओं का दान अति शुभ होता है)

हनुमान जन्मोत्सव पूजा विधि
(जिन भी जातकों की कुंडली में शनि की ढैया साडेसाती तथा महादशा एवं अंतर्दशा से पीड़ित है उन सभी को हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना करने से लाभ प्राप्त होगा)
ब्रह्म मुहूर्त में जाग कर दैनिक कार्यों से निवृत्त हो स्नान करें। हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प लें पूर्व दिशा में श्री हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें श्री हनुमान जी को गंगाजल से स्नान कराकर लाल, भगवा चोला अर्पित करें। घी की अखंड ज्योत प्रज्वलित करें हनुमान जी को सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, लाल पुष्प चढ़ाएं। गुड़, चना, बेसन के लड्डू, बूंदी के लड्डू भोग प्रदान करें, बाएं तरफ जल रखें।
हनुमान जन्मोत्सव पर इन मंत्रों का उच्चारण करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त होगी।

1– ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
2– ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।
हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं, सुंदरकांड, रुद्राष्टकम का पाठ करना अत्यंत शुभ फल कारी रहेगा।
हनुमान जन्मोत्सव पर कुछ उपाय आप कर सकते हैं जिन्हें करने से आपको लाभ प्राप्त होगा–
यदि आप शत्रु बाधा, आर्थिक संकट एवं रोग, शोक से पीड़ित हैं हनुमान जन्मोत्सव पर प्रातः काल स्नानादि के बाद पीले या लाल वस्त्र धारण करें हनुमान जी के सम्मुख चमेली के तेल से दीपक जलाएं, सिंदूर बजरंगबली को अर्पित करें, लाल या नारंगी रंग का चोला चढ़ाएं एवं गुलाब के फूल की माला हनुमानजी को अर्पित करें इसके उपरांत एक साबुत पान का पत्ता ले ध्यान रखें कि पान का पत्ता खंडित ना हो इसके ऊपर थोड़ा सा गुड़ व चना रखकर हनुमान जी को भोग लगाएं एवं पांच फल अर्पित कर आरती करें। सुंदरकांड, हनुमान चालीसा एवं श्री राम रक्षा स्त्रोत, श्री हनुमानष्टक का पाठ करें बेसन के लड्डू का भोग लगाकर आरती करें। किसी जरूरतमंद को वस्त्र इत्यादि दान करें।
संपर्क सूत्र
8395806256











