उत्तराखण्ड
सीएम धामी बोले अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचे गुड गर्वनेंस, पेंडेंसी पर तय होगी जवाबदेही
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सुशासन के दावे को जमीन पर उतारने के लिए उत्तराखंड सरकार सौ से अधिक सेवाओं की घर पर डिलीवरी शुरू करने जा रही है। इसमें ज्यादातर प्रमाणपत्र और ऑनलाइन मिलने वाली सेवाएं शामिल होंगी। इससे लोगों को बेवजह सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से निजात मिल जाएगी।आज सचिवालय में सुशासन को लेकर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करें। इसी क्रम में घर-घर जाकर आम जन को जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पुख्ता योजना तैयार की जाए। पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जाए, इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
साथ ही आम जनता से मिलने का समय तय करें सीएम ने सचिवालय में सप्ताह में एक दिन नो मीटिंग डे निर्धारित करते हुए, इसी तरह जिलों और तहसीलों में आम जनता से मिलने के लिए समय निर्धारित किया जाएगा। इसके साथ ही तहसील स्तर पर बहुउद्देशीय शिविरों का नियमित तौर पर आयोजन किया जाएगा। साथ ही धामी ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 और अपणि सरकार पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण हो।
अधिक लंबित शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। गैर जरूरी औपचारिकताओं को समाप्त किया जाए। सीएम ने कहा कि अधिकारी समय-समय पर सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाते हुए उन्हें प्रेरित करें।