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हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा “उत्तराखंड विजन टु बी द अल्टिमेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन स्कोप एंड चैलेंजेज”विषय पर परिचर्चा का आयोजन

उत्तराखण्ड

हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा “उत्तराखंड विजन टु बी द अल्टिमेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन स्कोप एंड चैलेंजेज”विषय पर परिचर्चा का आयोजन

श्रीनगर गढ़वाल – हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग में “उत्तराखंड्स विजन टु बी द अल्टिमेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन : स्कोप एंड चैलेंजेज” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का आरंभ शोध छात्रा विदुषी डोभाल ने विषय की रूपरेखा रखते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए।


परिचर्चा में बतौर मुख्य वक्ता अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो० एम ० सी० सती ने उत्तराखंड में संभावित पर्यटन की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया। जिसमें सर्वप्रथम उन्होंने तीर्थाटन तथा यहां की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा देकर उसे प्रमुख पर्यटन में शामिल करने की बात रखी तथा पांडव नृत्य, नंदा राजजात, रम्माण जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रदेश के अन्य स्थानों में आयोजित कर स्थानीय रोजगार के नए अवसर तलाशे जाने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त प्रो सती ने कहा कि उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन एवम फिल्म उद्योग के तौर पर विकसित करना होगा जिसके लिए त्रिजुगीनारायण, औली जैसे स्थानों के साथ अन्य वेडिंग डेस्टिनेशन तथा फिल्म डेस्टिनेशन भी विकसित करने की आवश्यकता है। आम जनता को खासकर युवा वर्ग को सरकार द्वारा बने नियमों में वांछनीय छूट दी जानी चाहिए जिससे वे आसानी से रोजगार प्राप्त कर सके। इसके अतिरिक्त मोटे अनाज के बने प्रसाद, फूलों की खेती से रोजगार के कई अवसर खुल सकते हैं पॉलिसी मेकर्स को इन सब पर ध्यान देना होगा।


कार्यकम की अध्यक्षता करते हुए राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो एम ० एम ० सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड का पर्यटन राज्य की आर्थिकी की रीढ़ है। पर्यटन की प्रमुख चुनौतियों पर ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन से होने वाली मौसमीय घटनाएं तथा विभिन्न आपदाएं, पर्यटन के लिए प्रमुख चुनौती के रूप में हमारे समक्ष हैं। जिससे निपटने के लिए सरकार द्वारा समय – समय पर विशेष योजनाएं चलायी जाती रही हैं। इसके लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। यहां का पर्यटन व तीर्थाटन कुछ महीनों के लिए ही पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है जिसे पूरे साल भर चलाए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए टिहरी झील पर्यटन विकास, ट्रैकिंग तथा ‘सन टूरिज्म ‘ को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। जटिल परिस्थितियों के कारण यहां साहसिक पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं इन सभी के ऊपर सरकार को ध्यान आकर्षित करना होगा। टूरिस्ट गाइड के प्रश्न को उठाते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में टूरिस्ट गाइड की कार्य संस्कृति का विकास नहीं हुआ है जो कि नैतिक तौर पर पर्यटन के लिए आवश्यक है। यहां पर्यटन के साथ पारंपरिक औषधीय ज्ञान तथा औषधीय पादपों को बढ़ावा भी देना होगा। हमें सस्टेनेबल स्टेबल टूरिज्म का रास्ता अपनाना होगा। जिससे राज्य आर्थिक रूप से मजबूत हो सके।
इसके पश्चात शोध छात्र देवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारत में पर्यटन 2017 से 2027 तक 7 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। वहीं उत्तराखंड में प्रतिवर्ष यह दर 11.7% है। इसके अतिरिक्त देवेंद्र सिंह रावत ने पर्यटन के साथ आ रही समस्याओं को उजागर किया जिसमें उन्होंने कहा कि आज कूड़ा निस्तारण पर्यटन की मुख्य समस्या है। जिसका हिमालय के पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। कूड़ा निस्तारण के उपाय को अपनाने के लिए उन्होंने कहा कि चोपता में स्थानीय प्रशासन द्वारा किए गए मैनेजमेंट को अपनाना होगा। जिसमें प्लास्टिक की बोतल ले जाने पर पर्यटक को कुछ राशि जमा करनी होगी । जिसको वो बोतल वापिस लाने पर प्राप्त कर सकता है। वहन क्षमता के प्रश्न को सरकार द्वारा अनदेखा करने पर उन्होंने कहा कि यह हिमालय की संवेदनशीलता को बढ़ा रहा है , यह किसी बड़ी आपदा को जन्म दे सकती है। नवीन समस्याओं में ड्रग्स संस्कृति तथा इसकी बढ़ोतरी की ओर सरकार को ध्यान दिए जाने की बात रखी।
इसके पश्चात शोध छात्रा अदिति रावत ने पर्यटक स्थलों को कैसे सतत् बनाया रखा जाए जैसे पर्यटन के आवश्यक प्रश्नों को उजागर किया। स्नातकोत्तर के छात्र अमनदीप, सुमित कुमार, रोहित, मिलाप एवम दीपक कुमार ने भी पर्यटन तथा उत्तराखंड के विषय में अपने विचार रखे। जिसमें सुमित ने कहा कि हिमालय की पारिस्थितिकी के अनुसार विकास कार्य किए जाने चाहिए वरना यह विकास विनाश के रूप में हमारे ही समक्ष आएंगे।
कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा विदुषी डोभाल ने किया ।
इस कार्यक्रम में डॉ० नरेश कुमार, डॉ० हेमलता वर्मा, शोधार्थी अरविंद रावत, अभिषेक, विवेक नैथानी,आयुषी थलवाल, शैलजा,ओमिन पंत सहित राजनीति विज्ञान एवं अर्थशास्त्र विभाग के स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्र छात्राएं आदि उपस्थित थे।

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