नैनीताल
जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा नौ साल का योगेश।
हल्द्वानी-सुशीला तिवाड़ी हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा नौ साल का योगेश । हादसे को 82 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन उसे होश नहीं आया है। सांसें वेंटिलेटर पर हैं और हालत नाजुक है। हर कोई योगेश की सलामती की प्रार्थना कर रहा है।
शुक्रवार का वो काला दिन जनपद नैनीताल के ओखलकांडा के डालकन्या और अधौड़ा गांव के लोगों को गहरा जख्म दे गया। दंपत्ति समेत 9 लोगों की हुई दर्दनाक मौत से गांवों में चीत्कार मच गई। हर तफर बदहवाशी छा गई। बच्चों, महिलाओं और बूढ़ों की सिसकियों से सिहर उठा। इस हादसे ने 9 साल के योगेश को उसके परिवार से भी हमेशा
के लिए जुदा कर दिया। मां, बाप और छोटे भाई की मौत हो गई। करीब 800 मीटर गहरी खाई में गिरने के बाद भी योगेश की सांसें चलती रहीं। बेहोशी की हालत में उसे हल्द्वानी एसटीएच लाया गया। इमरजेंसी में इलाज के बाद उसे तुरंत आईसीयू में वेटिलेटर पर रखा है, लेकिन अभी तक वह होश में नहीं आ पाया है।
एसटीएच के न्यूरो सर्जन डॉ. अभिषेक राज ने बताया कि योगेश की हालत नाजुक बनी है। सिर पर गंभीर चोट है। वेंटिलेटर पर पल-पल उसकी देखरेख की जा रही है। ज्ञात रहे नैनीताल जिले के ओखल कांडा क्षेत्र में एक कैंपर (गाड़ी) दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी . इसमें 9 लोगों की मौत हो गई । मौत का कारण रोड की दशा बद से बत्तर बताया जा रहा है। हर जगह टूटी सड़क में लंबी कूरि की घास जमी होना भी कारण बताया जा रहा है, साथ ही जगह जगह कंक्रीट बिखरा है ,जहा पर घटना हुई है वंहा पर कई मीटर घास उगी थी और कोन्क्रीट फैला था। लोगों द्वारा बताया जा रहा है कि एक बाईक वाले को पास देते वक्त गाड़ी का टायर स्लीप हुआ और वह खाई में जा गिरी। स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि
मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए मुआवजा तो मिल गया पर इतने परिवार के घर में मातम की कोई कीमत कैसे मिल पाएगी ।
सड़क हादसे में नौ लोगों ने जान गवा दी. शहरों में ही विकास से कुछ नहीं होगा पहाड़ को भी नए भारत में शामिल करना होगा तब हम इन घटनाओं में काबू पा सकते है।