Connect with us

संयुक्त परिवारों के लिए मिसाल है मासी का ये उपाध्याय परिवार साथ खाना खाकर घोलते हैं रिश्तों की मिठास।

जन मुद्दे

संयुक्त परिवारों के लिए मिसाल है मासी का ये उपाध्याय परिवार साथ खाना खाकर घोलते हैं रिश्तों की मिठास।



चौखुटिया (अल्मोड़ा)। एकांकी परिवारों के बढ़ते रूझान के चलते तेजी से विघटित हो रहे संयुक्त परिवारों के लिए मासी का यह उपाध्याय परिवार एक मिसाल है। परिवार के लोग अपनी पसंद के हिसाब से खाना भले ही अलग-अलग चूल्हों में बनाते हैं परंतु खाते साथ बैठकर ही हैं। परिवार का कोई भी सदस्य बाहर से लाए जाने वाली हर सामग्री को सभी में बराबर बांटता है। इस परिवार के आपसी तालमेल व भाईयों के बीच के स्नेह की चर्चा निकटवर्ती गावों में भी होती है।
ग्राम पंचायत मासी निवासी स्व.कृष्णानंद उपाध्याय के चार पुत्रों में से बड़े पुत्र तारादत्त उपाध्याय का निधन हो चुका है । जबकि तीन अन्य पुत्र गोपाल दत्त, देवकी नंदन व सतीश उपाध्याय परिवार के साथ मासी में ही रहते हैं। चारों भाईयों के परिवार भले ही अपनी पसंद के हिसाब से खाना अलग चूल्हे में बनाते हैं परंतु खाते साथ हैं। परिवार में पांच महिला सदस्यों सहित कुल तीस सदस्य हैं। जिनमें कुछ सदस्य बाहर नौकरी करते हैं। पूरे परिवार पर बड़े भाई गोपालदत्त का नियंत्रण है उनकी अनुमति के बिना कोई कार्य नही होता है। परिवार के सभी सदस्य उनका बड़ा मान सम्मान करते हैं। छोटे भाई उन्हें पिता तुल्य मानते हैं। बताया गया कि परंपरागत त्यौहार आदि भी सभी परिजन साथ मनाते हैं। परिवार के किसी सदस्य की शादी ब्याह अथवा अन्य कोई दुख तकलिफ आदि मामलों में सभी परिजन बैठकर मंत्रणा करते हैं।
घर में बड़े बुजुर्गों के सख्त अनुशासन के साथ ही प्यार दुलार भी चलता है। परिवार के सभी सदस्यों को शाम ढलने से पहले घर पहुंचना जरूरी होता है। छोटे बच्चों के मोबाइल पर भी सख्त पहरा रहता है। मोबाइल में ऑन लाइन पढ़ाई के सिवाय और कोई छूट नही मिलती है। सभी भाईयों के आवासीय मकान भी बाखलीनुमा एक साथ जुड़े हैं।
सभी भाई दिनभर चाहे जहां रहें परंतु रात में साथ बैठकर खाना खाते हैं। खाने के बाद फिर देर तक गपशप होती है। गर्मी के मौसम में तो सब बाहर बरामदे में बैठते हैं जबकि जाड़ों में पूरा परिवार अंगेठी जलाकर उसे घेरा रहता है। पहले माता जी जीवित थी तो उनसे कंथ कहानियां और अहांणे सुनते सुनाते जाड़ों की ठीठुरन भरी रात जैसे चंद लम्हों में बीत जाती थी। पिछले वर्ष सौ साल की उम्र में उनका निधन होने के बाद परिवार में आई रिक्तता पूरी नही हो पाई है।


इन्सेट
लक्ष्मण रेख बन जाती है बड़े भाई की कही बात
चौखुटिया (अल्मोड़ा)। मासी निवासी स्व.कृष्णानंद उपाध्याय के चार बेटों में तारादत्त उपाध्याय सबसे बड़े थे उनके निधन के बाद उनके दूसरे नंबर के बेटे गोपाल दत्त ने परिवार की बांगडोर संभाली है। वे न सिर्फ अपने दो भाईयों देवकी नंदन व सतीश चंद्र बल्कि परिवार के हर सदस्य का ध्यान रखते हैं। सतीश उपाध्याय बताते हैं कि उनके बड़े भाई की कही बात परिवार के लिए लक्ष्मण रेखा बन जाती है। बताते हैं कि बड़े भाई गोपाल दत्त बाजार से जब भी कोई खाने का कोई सामान अथवा अन्य चीजें लाते हैं उसे जब तक परिवार के हर सदस्य को न बांट दें तब तक उसका उपभोग नही करते। परिवार में हमेशा हंसी खुशी से परिपूर्ण आध्यात्मिक माहौल रहता है। सभी परिजनों में अच्छा तालमेल है।

Ad Ad
Continue Reading
You may also like...

( चौखुटिया, अल्मोडा़ )

More in जन मुद्दे

Trending News

About

प्रतिपक्ष संवाद उत्तराखंड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने क्षेत्र की ख़बरों को प्रसारित करने हेतु हमसे संपर्क करें  – [email protected]

Editor

Editor: Vinod Joshi
Mobile: +91 86306 17236
Email: [email protected]

You cannot copy content of this page