उत्तराखण्ड
होली पर्व एवं रंग धारण 2023 क्या करें क्या नहीं।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होली उत्सव चीर बंधन व रंग धारण के साथ 2 मार्च 2023 दिन गुरुवार को प्रारम्भ होगा। आंमलकी एकादशी का उपवास 3 मार्च शुक्रवार को रखा जाएगा।( दिनांक 3 मार्च 2023 को उदय व्यापिनी एकादशी भद्रा से व्याप्त है जबकि 2 मार्च 2023 को एकादशी तिथि दिन भर भद्रा रहित रहेगी। इस कारण चीर बंधन रंग धारण एवं ध्वजारोहण 2 मार्च 2023 को होगा एवं आंवला एकादशी उपवास 3 मार्च 2023 को एकादशी उदय व्यापिनी व द्वादशी युक्त होने से आंवला एकादशी का उपवास 3 मार्च 2023 को रखना शास्त्र सम्मत है ) ।
होलिका दहन
होलिका दहन 6/7 मार्च 2023 को ?
(होलिका दहन का दिन निश्चय करने के लिए धर्मसिंधु का स्पष्ट शास्त्रादेश है कि–
परदिने प्रदोषस्पर्शाभावे पूर्वदिने प्रदोषे भद्रासत्वे यदि पूर्णिमा पर दिने सार्वत्रियामा ततोधिका वा तत्परदिने च प्रतिपद-वृद्धि गामिनी तदापरदिने प्रदोषव्यापिन्यां होलिका। उक्त विषये यदि प्रतिपदासस्तवापूर्वदिने भद्रापुच्छे वा भद्रामुखमात्र त्यक्त्वा भद्रायामेव व होलिकादीपनमें ।।
इस शास्त्रादेश के अनुसार 7 मार्च 2023 को पूर्णिमा प्रदोष को स्पर्श नहीं कर रही है साथ ही साढ़े तीन प्रहर पूर्णिमा व्याप्त है परंतु प्रतिपदा वृद्धिगामिनी नहीं है अर्थात प्रतिपदा का मान पूर्णिमा से अधिक नहीं है। इस कारण उत्तराखंड सहित समस्त पश्चिमी राज्यों उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मुंबई आदि स्थानों में होलिका दहन दिनांक 6 मार्च 2023 को किया जाना शास्त्र सम्मत है।
यहां भद्रा पुच्छ 6/7 की मध्य रात्रि 2:16 से 3:31 विलंब से प्राप्त होने के कारण होलिका दहन प्रदोष काल 6:21 से 8:41 के मध्य किया जाना उचित है यही पूर्वी उत्तर प्रदेश (गोरखपुर बनारस काशी आदि) एवं बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल असम अरुणाचल प्रदेश अंडमान उड़ीसा त्रिपुरा नागालैंड आदि प्रदेशों में जहां दिनांक 7 मार्च 2023 को सूर्यास्त सायं 6:40 पर होगा वहां निश्चित रूप से पूर्णिमा प्रदोष काल का स्पर्श कर रही है अतः इन स्थानों पर नियमानुसार होलिका दहन 7 मार्च 2023 को ही किया जाना शास्त्र सम्मत है। ( इस कारण सनातन धर्म एवम सभी तीज पर्वों में एक एकरूपता लाने हेतु संपूर्ण देश में होलिका दहन 7 मार्च 2023 प्रदोष काल में किया जाना चाहिए )।
रंग भरी होली 8 मार्च 2023 को मनाई जाएगी।
होलीकाष्टमी से रंग भरी होली तक मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे (27 फरवरी 2023 से 8 मार्च तक) परंतु होलाष्टक के दौरान किए गए जप, तप, हवन का विशेष महत्व होता है।