Connect with us

होली पर्व(छलड़ी) कुमाऊं क्षेत्र में 8 मार्च बुधवार को मनाई जाएगी।

धर्म-संस्कृति

होली पर्व(छलड़ी) कुमाऊं क्षेत्र में 8 मार्च बुधवार को मनाई जाएगी।

ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी

आप सभी को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
आयुर्धनं शुभ्रयशोवितानं,
निरामयं जीवनसंविधानम्।
समागतो होलिकोत्सवोऽयं,
ददातु ते मांगलिकं विधानम्।।
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व होली जो कि कुमाऊं क्षेत्र में छलड़ी के नाम से प्रसिद्ध है 8 मार्च 2023 दिन बुधवार को मनाई जाएगी।
होली पर्व पर अबीर गुलाल लगाने का धार्मिक महत्व–
धार्मिक मान्यतानुसार अबीर गुलाल छिड़कने की परंपरा राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से हुई थी। माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण बाल्यकाल से ही माता यशोदा से अपने सांवले और राधा के गोरे होने का उपालंभ किया करते थे। श्रीकृष्ण माता से कहते थे कि मां राधा बहुत ही सुंदर और गोरी है और मेरा वर्ण सावला क्‍यों ?


माता यशोदा उनकी इस बात पर मुस्कुरा देती थी और उन्होंने एक दिन भगवान श्रीकृष्‍ण को सुझाव दिया कि वह राधा को जिस रंग में देखना चाहते हैं उसी रंग को राधा के मुख पर लगा दें भगवान श्रीकृष्‍ण को यह बात भा गई। वैसे भी भगवान श्रीकृष्ण चंचल और नटखट प्रवृत्ति प्रवृत्ति के थे उन्होंने राधा को तरह-तरह के रंगों से रंगने का निश्चय किया और श्री कृष्ण ने अपने मित्रों के साथ मिलकर लाल चंदन की लकड़ी से एवं लाल गुड़हल के पुष्प को पीसकर रंग बनाया राधा और सभी गोपियों तरह-तरह के रंगो से रंग दिया। नटखट श्री कृष्‍ण की यह शरारत सभी ब्रजवासियों को भा गई माना जाता है कि इसी दिन से होली पर रंग खेलने का प्रचलन प्रारंभ हो गया।
आइए जानते हैं होली पर्व पर हमें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए


1–आप सभी जातकों ने ध्यान दिया होगा कि होली पर्व पर सभी महिलाओं और पुरुषों के सर पर टोपी होती है हिंदू धर्म व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमें प्रयास करना चाहिए कि अपने सिर को ढ़क कर रखें क्योंकि होली के दिन बुरी शक्तियां सिर पर से ही शरीर में प्रवेश करती हैं।
2–होली के दिन भोजन ग्रहण करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए।
3–शास्त्रों के अनुसार होली के दिन किसी भी प्रकार का कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना गया है।
4–होली के दिन देर तक न सोएं ना ही शाम के वक्त सोएं। इस दिन केवल सुबह और शाम को बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं को ही परिस्थिति वश शयन करना चाहिए।
5– होली के दिन हमें प्रयास करना चाहिए अकारण ही किसी भी शमशान या सुनसान जगह पर बिल्कुल भी न जाएं क्योंकि होली के दिन तंत्र क्रियाएं अधिक प्रभावशाली होती है। जिसका असर आप पर भी हो सकता है।
6–होली के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें।
7–होली पर सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। सफेद रंग चंद्रमा का का कारक हैं। सफेद रंग के वस्त्र आपके व्यवहार में विनम्रता,प्रेम और सहनशीलता प्रदान करते है। होली खेलने के लिए गहरे काले रंग के वस्त्रों का उपयोग न करें क्योंकि काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित (संचित) करता होली पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार अधिक होता है।
आप सभी को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी की होली शुभ हो व सभी कष्टों का नाश हो ऐसी हम ईश्वर से कामना करते हैं।


Ad Ad

प्रतिपक्ष संवाद उत्तराखंड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने क्षेत्र की ख़बरों को प्रसारित करने हेतु हमसे संपर्क करें  – [email protected]

More in धर्म-संस्कृति

Trending News

धर्म-संस्कृति

राशिफल अक्टूबर 2024

About

प्रतिपक्ष संवाद उत्तराखंड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने क्षेत्र की ख़बरों को प्रसारित करने हेतु हमसे संपर्क करें  – [email protected]

Editor

Editor: Vinod Joshi
Mobile: +91 86306 17236
Email: [email protected]

You cannot copy content of this page