चौखुटिया
मां नन्दा को विदाई देने पहुंचे सेकड़ों लोग,बहु, बेटियों ने लिया आशीर्वाद।
चौखुटिया-उत्तराखंड में यूं तो मां नन्दा देवी का मेला तमाम स्थानों पर होता है परन्तु हमारी गेवाड़ घाटी में होने वाला मां नन्दा वार्षिक पूजा मेला अन्य मेलों से अलग है l नन्दा माँ के प्रतीक कदली(केला) को रामगंगा के दूसरे छोर पर पहुंचाने का नजारा अदभुत होता है l
आज शुक्रवार नवाण, छिताड़ व जमराड के ग्रामीण जोशी परिवार की अगुवाई में नंदा देवी को नदी पार कराकर कठायत लोगों को सौंपा गया , फिर बैड़िया लोग नंदा देवी को जाबर के नन्दा देवी मंदिर तक ले गए l वहां मूर्ति निर्माण आदि भी वही करेंगे l फिर प्राण प्रतिष्ठा होगी l आज रातभर जाबर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मेला होगा l गरुड़ के कोट भ्रामरी से पहुंची गोविंद राम जी की टीम तांत्रिक विधि से पूजा करेगी l यही टीम पहले दिन से समापन तक नन्दा माँ की कथा गीत के माध्यम से सुनाकर देव अवतरण करवाती हैं l
नन्दा देवी को ले जाते समय विभिन्न स्थानों पर बहु , बेटियों व अन्य लोगों ने पूजा अर्चना कर नन्दा को विदा करते हुए आशीर्वाद लिया l इससे पहले बृहस्पतिवार को बगड़ी में रात्रि का मेला हुआ l
मां नन्दा के प्रतीक कदली वृक्ष को जाबर मंदिर ले गए भक्त
असल में मेले की शुरुआत 1 सितंबर से हुई जिसमें मेले से जुड़ी सभी ड्योडियों टेडागांव,कोटयुडा, पैली, न्यौनी,नौगांव, बगड़ी व नवाण में माता के गीत जागरण होता रहा l
पूजा मेले में दीबा,, रासु, जोसिंग, हित व तड़ाग आदि देवता के डंगरिये पैली के हैं जबकि लाटू देवता का डंगरिया न्यौनी के हैं।
नन्दा देवी का अवतरण भी पैली के ही एक युवक पर हुआ है
इस दौरान जमराड, बगड़ी से लेकर जाबर मंदिर तक माता रानी के गीतों से सम्बंधित झोड़ों की धूम मची है l स्थानीय दुकानदारों के अलावा बाहर से भी दुकानदार पहुंचे थे l