उत्तराखण्ड
चौखुटिया का पुल गिरा तो हो सकता है बड़ा हादसा।हांपने लगा है जर्जर पुल, पुल से गुजरना खतरे से खाली नही जनाब बड़े हादसों से तो लीजिए सबक।
चौखुटिया-31 जुलाई की रात रामगंगा में आए जलजले से कई तटबंध इधर से उधर होने से चौखुटिया नगर के दो बड़े हिस्से तो खतरे की जद में हैं ही परन्तु अब राष्ट्रीय राजमार्ग के एकमात्र महत्वपूर्ण पुल की जर्जर हालत बड़े खतरे को दावत दे रही है l असल में यह बड़ी विडंबना है कि देश, प्रदेश में हो रहे तमाम पुल हादसों के बाद भी हम सबके नही ले पा रहे हैं पुल अंदर से पूरी तरह से खस्ताहाल है l वाहनों के चलने से पुल में बड़ी कम्प्पन तो पहले से हो ही रही थी अब पुल लोगों के पैदल चलने से भी हिलने लगा है l
इससे पहले भी मैं व अन्य कई लोग इस बारे में आवाज उठाते रहे हैं l
आज मैं फिर इस पुल को लेकर शासन, प्रशासन व संबंधित अधिकारियों को आगाह कर रहा हूं l
हो सकता है कि अगली बार मेरे लिखने से पहले ही पुल धराशाई हो जाए l
यदि ऐसा हुआ तो फिर कई लोगों की जान जा सकती है l इसलिए मैं इस पोस्ट के माध्यम से पुनः निवेदन कर रहा हूं कि अब समय बर्बाद मत कीजियेगा l तुरन्त ही इस पुल के स्थान पर नए पुल का निर्माण कीजियेगा l
इस पुल से गुजरने वाले लोगों व पुलिस से भी मेरा निवेदन है कि पुल में एक बार में एक से अधिक वाहनों को नही गुजरने देना है यदि कोई लोडेड ट्रक पुल से गुजर रहा है तो पैदल यात्री या दो पहिया चालक दूसरे छोर पर ही रुक जाएं l इधर विभागीय सूत्रों का कहना है कि नया पुल बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है परन्तु वह प्रस्ताव कब स्वीकृत होगा भगवान ही जाने l इसलिए मैं तो यही कहूंगा कि समय रहते जाग जाइयेगा l
काश वो पैदल की जगह मोटर पुल बना होता
कुछ साल पहले ही रामगंगा नदी पर भटकोट व झला के बीच करोडों की लागत से नया झूला पुल बनाया गया है यदि कुछ लाख और खर्च करके उस स्थान पर मोटर पुल बना दिया गया होता तो चौखुटिया घाटी के लिए वैकल्पिक मोटर मार्ग की समस्या दूर हो जाती l पर योजनाकारों ने इस ओर कतई ध्यान नही दिया l मेरी सोच चिंतन के हिसाब से वैकल्पिक मार्ग के लिए एक और अच्छा विकल्प है l बबलेश्वर व अखेती के बीच मोटर पुल बनाया जा सकता है जिससे लोगों को आवागमन में आसानी तो होगी ही मुख्य मार्ग पर वाहनों का दबाव भी कम होगा l जिससे जाम की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा l