उत्तराखण्ड
बहुत कम समय में देवभूमि में ‘किताब कौतिक’ ने बनाई अपनी एक अलग पहचान।
नई पीढ़ी में “पढ़ने लिखने की संस्कृति” को बढ़ावा देने और उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों को प्रचारित – प्रसारित करने के उद्देश्य से “क्रिएटिव उत्तराखंड संस्था” द्वारा चलाए जा रहे “किताब कौतिक” अभियान का छठा आयोजन 5, 6 और 7 अक्टूबर को भीमताल (नैनीताल) में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। टनकपुर, बैजनाथ, चंपावत, पिथौरागढ़ और द्वाराहाट के बाद यह छटा आयोजन नैनीताल जिले में पहली बार हुआ।
आयोजन के पहले दिन विषय विशेषज्ञों द्वारा एक दर्जन से अधिक स्कूलों मे जाकर लोककला, पर्यटन आधारित रोजगार, रचनात्मक लेखन, परम्परागत औषधि, रंगमंच, संगीत आदि विषयों पर छात्र – छात्राओं की कैरियर काउंसलिंग की गई। गोविन्द बल्लभ पंत इण्टर कालेज भवाली, राजकीय कन्या इण्टर कालेज भवाली, हरमन माइनर स्कूल भीमताल, लीलावती पंत इण्टर कालेज भीमताल, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, जूनियर हाई स्कूल भीमताल, राजकीय इण्टर कालेज,नौकुचियाताल, ओएसिस स्कूल हल्द्वानी, ओरम ग्लोबल स्कूल हल्द्वानी, राजकीय इण्टर कालेज हल्दूचौड आदि स्कूलों में कार्यक्रम किये गये।
विषय विशेषज्ञ के रूप में राजेश भट्ट, जया वर्मा, हिमांशु जोशी, मंजू आर शाह, शान्तनु शुक्ला, यामिनी पाण्डेय, हर्ष काफर, उदय किरौला, डॉ. बीएस कालाकोटी, मंजुषा व डा. सतीश पंत आदि उपस्थित रहे। सांस्कृतिक संध्या में पुष्पा फर्त्याल, दान सिंह फर्त्याल, देव सिंह फर्त्याल, दीवान सिंह कोश्यारी और उदय किरौला आदि ने लोकसंगीत पर आधारित प्रस्तुतियां दीं। सांस्कृतिक संध्या का संचालन युवा कवि हर्ष काफर ने किया।
दूसरे दिन 6 अक्टूबर को ग्राफिक एरा में विधिवत उद्धाटन डॉ. यशोधर मठपाल, डॉ. बी एस बिष्ट, डॉ. राजेश्वरी कापड़ी, ब्लॉक प्रमुख डॉ. हरीश बिष्ट, और ग्राफिक एरा के निदेशक डॉ. मनोज लोहनी आदि ने दीप प्रज्ज्वलन से किया। साहित्यिक सत्र में प्रो. पुष्पेश पंत ने कुमाऊँनी खान पान की विशेषताओं पर व्याख्यान दिया। उन्होने मूल पहाड़ी खानपान को पर्यटन से जोडने की बात की ।
इतिहासकार प्रो. प्रयाग जोशी ने कत्यूरी राजवंश और जियारानी के इतिहास और सांस्कृतिक पक्ष पर विस्तार से जानकारी दी।
प्रो. शेखर पाठक ने नैनीताल जिले के ऐतिहासिक महत्व पर जानकारी दी। अविभाज्य नैनीताल जिले में बंगाली व पंजाबी समुदाय की बसासत, स्वतंत्रता संग्राम में नैनीताल जिले की सक्रिय भागीदारी, नैनीताल जिले के साहित्यकारों की जानकारी दी। लखनऊ विश्वविद्यालय में तमिल भाषा के प्रो. सेंथिल ने भारत की भाषाई विविधता पर अपनी बात रखी। विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने सूचना के अधिकार के विषय में विस्तार से जानकारी दी और श्रोताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी दिये ।
कार्यक्रम में श्री कृष्णचरितामृत के रचयिता महेश कुमार वर्मा “अशांत” को शाल देकर सम्मानित किया गया। प्रो. प्रयाग जोशी. प्रो. प्रभात उप्रेती, महेंद्र ठकुराठी की किताबों का विमोचन किया गया। सांस्कृतिक संध्या में प्रह्लाद मेहरा, घुघुति जागर टीम और कमल जोशी ने लोकगीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। स्थानीय व बाहर से आए कवियों ने काव्य गोष्ठी में अपनी रचनाएं सुनाई। ग्राफिक एरा के छात्र – छात्राओं ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
तीसरे दिन 7 अक्टूबर को सातताल रोड पर नेचर वॉक के साथ तीसरे दिन की शुरुआत हुई। कॉर्बेट, रामनगर से पधारे पक्षी विशेषज्ञ राजेश भट्ट ने अतिथियों और स्थानीय लोगों को पक्षी अवलोकन कराया। प्रसिद्ध वनस्पति विज्ञानी डॉ. बी एस कालाकोटी ने औषधीय पौधों के महत्व के बारे में बताया। पुष्पा फर्त्याल जी ने सुंदर न्यौली गीत सुनाया।
प्रसिद्ध लेखक दिनेश कर्नाटक के संचालन में घोडा पुस्तकालय कोटाबाग के शुभम बधानी ने चलते फिरते घोड़ा पुस्तकालय के बारे में विस्तार से बताया। सीमान्त पिथौरागढ जिले से आये सुनील कोहली ने वहां स्थापित पुस्तकालय की जानकारी दी ।
कथाकार अशोक पाण्डे ने अपने लेखन और यात्राओं पर विस्तारपूर्वक रोचक चर्चा की। वरिष्ठ पत्रकार और उपन्यासकार नवीन जोशी ने शेखर जोशी और अशोक पाण्डे के साहित्य पर अपनी बात रखी ।
हेमवती नंदन बहुगुणा आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के कुलपति प्रो. हेम चन्द्र पाण्डे ने उत्तराखंड की चिकित्सा व्यवस्था की चुनौतियों पर अपने विचार रखे। उत्तराखंड के पूर्व चिकित्सा निदेशक डा एल एम उप्रेती ने अंगदान करने तथा इसके बारे मे जागरूक करने की अपील की। गुरुग्राम की यामिनी पांडे के ऐपण, मंजू आर साह के पिरूल हस्तशिल्प, जया वर्मा के पीपल के पत्तों पर बनाए गए चित्रों को और फाग रंगमंच द्वारा प्रदर्शित सांस्कृतिक कठपुतलियों ने आगंतुकों को बहुत प्रभावित किया। नक्षत्र टीम द्वारा खगोल विज्ञान पर आधारित स्टॉल पर बच्चों और युवाओं ने बहुत रुचि दिखाई।
प्रसिद्ध गायिका उप्रेती सिस्टर्स ने न्योली की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। उनका साथ पुष्पा फर्तयाल ने भी दिया ।
मशहूर कवि एव गजलकार बल्ली सिंह चीमा ने श्रोताओं को अपनी चुनिंदा गजलें सुनाई। भक्तिधाम नौकुचियाताल के संचालकों ने कुमाऊँनी साहित्य में गम्भीर काम करने वाले साहित्यकारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। रक्तदान और स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया। महेश बराल, विजय बिष्ट, भक्ति धाम और चंद्र शेखर लोहुमी की किताबों का विमोचन हुआ।
किताब कौतिक में आरंभ (पिथौरागढ) बुक्स ट्री (रुद्रपुर), समय साक्ष्य (देहरादून) अविचल प्रकाशन, अंकित प्रकाशन, पहरू और आदलि कुशलि के स्टाल भारी भीड लगी रही। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से गांधी जी की जीवनयात्रा पर फोटो प्रदर्शनी लगाई गई। स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के स्वनिर्मित उत्पादों की अच्छी बिक्री हुई। स्कूलों के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। क्विज, ऐपण, चित्रकला, फोटोग्राफी और कविता वाचन के विजेताओं को अतिथियों के द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। आयोजन के स्मृतिचिह्न के तौर पर अतिथियों को नैनीताल के युवा फोटोग्राफर अमित साह के चित्र भेंट किए गए।
अतिथियों में पद्मश्री अनूप साह, उमा भट्ट, राजीव लोचन साह, टीवी कलाकार जितेंद्र कुमार, एयरमार्शल रौतेला, एडीजी के सी पांडे, प्रदीप पंत, चारु तिवारी, चंद्र शेखर जोशी, भवाली नगर पालिका अध्यक्ष संजय वर्मा, डॉ. सतीश पंत, पुष्पेश त्रिपाठी, एरीज से मोहित जोशी, जगमोहन रौतेला, त्रिभुवन बिष्ट, डॉ. कविता पांडे, ललिता कापड़ी, डी के जोशी, डॉ. ज्योति पांडे, राजेश्वरी चंद, नवीन पंत, विनीता, पूनम शर्मा, डॉ. सुरेश मठपाल, प्रदीप पांडे, डॉ. ममता पंत, चंद्र शेखर सेमवाल, होशियार ज्याला, बसंती पाठक, भास्कर उप्रेती, गरिमा जोशी, शेखर जोशी, शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी, डॉ. शैलेंद्र धपोला, डॉ. प्रेम मावड़ी, भुवन पंत, कविता जोशी, भरत लाल शाह, दीप्ति भट्ट, नवीन पंत, मुकेश कोहली, दीपक भाकुनी, नंदन बिष्ट, नीरज पांगती आदि लोग उपस्थित रहे।
समापन के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य आयोजक हेम पंत, दयाल पाण्डे ,संजीव भगत, पुष्पेश त्रिपाठी, चारू तिवारी आदि ने ग्राफिक ऐरा के निदेशक प्रो मनोज लोहनी, सभी अतिथियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।