उत्तराखण्ड
पंचवटी में शूर्पणखा की कटी नाक,रावण ने किया सीता का हरण।
अल्मोडा़- श्री भुवनेश्वर महादेव मन्दिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा की षष्टम दिवस की रामलीला में पंचवटी प्रसंग,शूर्पनखा नासिका छेदन,खर-दूषण,त्रिसरा प्रसंग/वध,रावण-मारीच संवाद,सीता हरण,जटायु प्रसंग अभिनय का मंचन किया गया । षष्टम दिवस की रामलीला मंचन में शूर्पनखा नासिका छेदन,खर-दूषण,त्रिसरा प्रसंग,साधु मारीच-रावण संवाद मुख्य आकर्षण रहे । दर्शकों ने कलाकारों के सुन्दर गायन,अभिनय की भूरि-भूरि सराहना करते हुये रामलीला का आनन्द लिया ।
देश -विदेश के व्यक्तियों ने घर बैठे आन-लाईन लीला का आनन्द लेते हुये संदेशें द्वारा रामलीला मंचन की काफी सराहना की । राम की पात्र रश्मि काण्डपाल,लक्ष्मण-दीक्षा कनार्टक ,सीता-कोमल जोशी, रावण-पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक,साधु मारीच-मनीष जोशी,खर-डा.करन कर्नाटक,दूषण-अखिलेशसिंह थापा,जोगी रावण-बिट्टू कर्नाटक,त्रिसरा- अभिषेक नेगी,सूर्पनखा-ममता भट्ट ,पूजा बिष्ट, मानसी बोरा आदि ने जीवन्त अभिनय किया । रावण-मारीच तथा खर-दूषण के संवाद ने सभी का मन मोह लिया। अतिथियों तथा दर्शकों ने कलाकारों के अति सुन्दर गायन व अभिनय के लिये उनके उत्साहबर्धन हेतु खूब तालियां बजायीं
षष्टम दिवस की रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रदीप टम्टा पूर्व सांसद(राज्य सभा) तथा नरेन्द्र सिंह बिष्ट समाजसेवी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया । मुख्य अतिथि श्री टम्टा ने अपने वक्तव्य में कहा कि भुवनेश्वर महोदव मन्दिर एवं रामलीला समिति केवल रामलीलाओं तक ही सिमित नही है अपितु उन्होंने मंच के माध्यम से रामलीलाओं की ही तर्ज पर अनेक नाटिकायें प्रस्तुत की है जिसका जीता जागता उदाहरण लगातार विगत तीन वर्षों से आयोजित की जा रही महिला रामलीला मंचन है ।
जिसने महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने का प्रयास किया। जिसने रामलीला समिति के अतुलनीय प्रयास को दर्शाने के साथ -साथ देश -विदेश में अपनी पहचान एवं ख्याति अर्जित की । जिसके लिये समिति के संरक्षक बिट्टू कर्नाटक एवं समस्त पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं ।