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यूओयू में शिक्षक संघ की नई कार्यकारिणी गठन की कवायद शुरू।

उत्तराखण्ड

यूओयू में शिक्षक संघ की नई कार्यकारिणी गठन की कवायद शुरू।


 
संवैधानिक रूप से जल्‍द होगा संगठन का चुनाव  20 नये स्‍थाई शिक्षकों ने ली संगठन की सदस्‍याता निर्वाचन अधिकारी नियुक्‍त कर किया जायेगा चुनाव लोकतांत्रिक रूप से होगा चुनाव विश्‍वविद्यालय को बदनाम करने के लिए नहीं, शिक्षकों के हितों के लिए कार्य करेगा संगठन।
 


उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा संगठन के पुर्नगठन हेतु आज विश्‍वविद्यालय के नव सभागार में समस्‍त शिक्षकों की एक आम सभा बुलाई गई। सभा में विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर तथा अस्सिटेंट प्रोफेसरों ने हिस्‍सा लिया। सभा में नई कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा की गई, साथ ही पुराने संगठन के कार्यो की सराहना भी की गई।
सभा का शुभारम्‍भ पूर्व में गठित कार्यकारिणी के अध्‍यक्ष डॉ0 मदन मोहन जोशी ने की, उन्‍होंने संगठन द्वारा पूर्व में किये गये कार्यो को सभी के सामने रखा और, कोविड के चलते पिछले कई समय से आम बैठक न करा पाने की बात भी कही। उन्‍होंने संवैधानिक रूप से नई कार्यकारिणी को गठित कराने की बात कही, उन्‍होने कहा कि काफी समय हो चुका है, अब नई कार्यकारिणी गठित हो जानी चाहिए, जिस पर सभी सदस्‍यों ने अपनी स्‍वीकृति प्रदान की। इसके लिए एक निर्वाचन अधिकारी नियुक्‍त कर, एक समयसारिणी तय करने की बात कही। उपाध्‍यक्ष डॉ0 दिनेश कुमार ने कहा कि नई कर्याकारिणी का गठन एक संवेधानिक तरीके से नियमों के अनुपरूप ही होनी चाहिए, प्रो0 पी0 पंत ने कहा कि संवैधानिक तौर पर कार्यकारिणी का गठन कर संगठन का नामांकन कराया जाना होगा, और संगठन सभी शिक्षकों के हितों के लिए काम करेगा। विधि के प्रोफेसर डॉ0 ए0 के0 नवीन ने संगठन के उत्‍तरदायित्‍वों को गिनाते हुये कहा कि कोई भी संगठन किसी भी संस्‍था को बदनाम करने के लिए नहीं बनाया जाता है, संगठन का कार्य अपने सदस्‍यों के हितों के लिए लडना और संस्‍था के साथ मिलकर कार्य करना है। एसोसिएट प्रो0 डॉ0 अरविन्‍द भट्ट ने कहा कि हम सब विश्‍वविद्यालय से हैं विश्‍वविद्यालय हम से नहीं है, जब विश्‍वविद्यालय है तो हम भी हैं। विश्‍वविद्यालय की गरिमा का ध्‍यान रखना हमारा कर्तव्‍य है, हम शिक्षक हैं और वो भी एक सर्वोच्‍च शिक्षण संस्‍थान के। उन्‍होने कहा कि पिछले कुछ समय से कुछ लोग लगातार विश्‍वविद्यालय की छवि को धुमिल करने का प्रयास कर रहे हैं वह कदापि उचित नहीं है। डॉ0 सूर्यभान सिंह ने कहा कि जो कार्य पिछले कार्यकारिणी द्वारा किये गये हैं उनकी सराहना की जानी चाहिए, और आगे और बेहत्‍तर कार्य होने चाहिए।उन्‍होने कहा कि पिछले कुछ समय से कुछ लोग लगातार मीडिया में विश्‍वविद्यालय की छवि को धुमिल करने के लिए अनर्गल खबरे छपवां रहे हैं उससे विश्‍वविद्यालय की छवि तो खराब होती है साथ में हमारी भी इसका हमे ध्‍यान रखना होगा।  
पिछले दिनों जो विश्‍वविद्यालय गेट को बंद कर और उसके बाद विश्‍वविद्यालय को लेकर मीडिया में अमर्यादित भाषा का करके जो खबरे छपवाई गई हैं सदन में सभी शिक्षकों ने उसकी निंदा की। शिक्षकों ने कहा कि सभी को मिलकर अपनी बात रखनी चाहिए और मिलकर साथ में सभी की हित की बात करनी चाहिए, शिक्षकों ने कहा कि शिक्षकों का कार्य शिक्षा का प्रसार करना है, विश्‍वविद्यालय में आक्रेाश पैदाकर वतावरण खराब करना नहीं। डॉ0 गगन सिंह ने भी अपने विचार रखे और उन्‍होंने कहा कि सभी को एक साथ मिलकर कार्य करने चाहिए।
सभा में इस बात पर भी सभी ने जोर दिया कि विश्‍वविद्यालय में अस्‍थाई तौर पर कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए भी संगठन कार्य करेगा। सभा में प्रो0 ए0 के नवीन, प्रो0 पी0 डी0 पंत, प्रो0 रेनू प्रकाश, डॉ0 डिगर सिंह, डॉ0 सूर्यभान सिंह, डॉ0 सुमित प्रसाद, डॉ0 विशाल शर्मा, डॉ0 सिद्धार्थ कुमार, डॉ0 राकेश रयाल, डॉ0 देवकी सिरोला, डॉ0 सुचित्रा अवस्‍थी, डॉ0 कल्‍पना लखेडा, डॉ0 अखिलेश सिंह, डॉ0 नन्‍दन तिवारी, डॉ0 गौरी नेगी, डॉ0 ज्‍योति प्रकाश, डॉ0 शालिनी चौधरी, डॉ0 सीता, डॉ0 निरीजा सिंह, डॉ0 दिपांकुर जोशी, डॉ0 घनश्‍याम जोशी आदि कुल 32 शिक्षक शामिल थे।

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