उत्तर प्रदेश
समन्वय एवं प्रोटोकॉल प्रबंधन में उल्लेखनीय योगदान है जाबाज का।
लखनऊ। अनिल कुमार पांडेय, सहायक सुरक्षा आयुक्त (प्रशिक्षण), JR RPF अकादमी, लखनऊ, ने 1992 में उप-निरीक्षक के रूप में सेवा प्रारंभ कर 33 वर्षों में प्रशिक्षण तंत्र को समृद्ध किया। DOPT प्रमाणित प्रशिक्षक के रूप में उन्होंने “ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स” कार्यक्रम की शुरुआत कर 350 से अधिक प्रशिक्षक तैयार किए। भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी, वडोदरा में एकमात्र RPF संकाय सदस्य रहते हुए परिसर सुरक्षा, स्थानीय पुलिस समन्वय एवं प्रोटोकॉल प्रबंधन में उल्लेखनीय योगदान दिया, जिसके लिए उन्हें NAIR पदक मिला।
एमएम महेंद्र कुमार, सहायक उप-निरीक्षक, ने 1999 से सेवा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने टिकट दलाली रैकेट का भंडाफोड़, गांजा जब्ती, हवाला नेटवर्क का पर्दाफाश और कोविड-19 के दौरान यात्रियों की सहायता की। 2021 से अकादमी में प्रशिक्षण व कंप्यूटर लैब संचालन में योगदान देते हुए परेड व अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट में सेवा दी।
दोनों अधिकारियों की निष्ठा, नेतृत्व और उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए उन्हें स्वतंत्रता दिवस 2025 पर “सराहनीय सेवा पदक” से सम्मानित किया गया।











