उत्तराखण्ड
करन माहरा सार्वजनिक तौर पर मांगे माफ़ी,,,,, मयूख महर ।
पिथौरागढ़। पूर्व सीएम हरीश रावत निकाय चुनाव में पार्टी से बगावत करने वाले विधायक
मयूख महर से मिलने पहुंचे। उन्हें मनाने की कोशिश की। समर्थकों ने साफ कहा कि निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे में विधायक की बात नहीं मानी गई। ऐसे में कांग्रेस को मेयर की सीट गंवानी पड़ी। रावत ने कहा कि मयूख पार्टी के सच्चे सिपाही हैं। इसमें शक की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने उनसे पुराने गिले-शिकवे दूर कर फिर से पार्टी के साथ खड़े रहकर आगामी विधानसभा में कांग्रेस को मजबूती देने की अपील की। विधायक मयूख ने कहा कि उन्होंने हमेशा पार्टी का झंडा बुलंद किया लेकिन प्रदेश अध्यक्ष ने रणछोड़ तक कह दिया। यदि प्रदेश अध्यक्ष सार्वजनिक तौर पर माफी मागेंगे या पार्टी उन्हें पद से हटाएगी तो ही वह फिर से पार्टी के साथ खड़े होंगे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह पार्टी से किनारा कर लेंगे।
हरीश रावत से मुलाकात के तुरंत बाद विधायक मयूख महर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली है। इसमें कहा कि आज हुए कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ चर्चा हुई। कहा कि पूर्व सीएम साहब ने बहुत देर कर दी आते-आते। इस उम्र में आपका जज्बा और संघर्ष काबिलेगौर है। उत्तराखंड में भीष्म पितामह आपको ऐसे ही नहीं कहा जाता। पितामह ने पांडव व कौरवों के युद्ध में मौन साध लिया। यह भी कहा कि अपने स्वाभिमान के लिए जब तक प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा हैं तब तक मैं कांग्रेस में नहीं हूं। पिथौरागढ़ और चंपावत की छह सीटों पर 2027 में हमारे प्रत्याशी लड़ेंगे और जीतेंगे।











