उत्तराखण्ड
लावारिश को कंधा देकर कोतवाली पुलिस ने दी मुखग्नि, -कोतवाल बोले मानवीयता सबसे बड़ा धर्म, -हिन्दू रिवाज से सम्पन्न हुआ दाह संस्कार कोतवाल ने रीतिरिवाज से किया दाह संस्कार।
बागेश्वर से योगेन्द्र मेहता की रिपोर्ट….
बागेश्वर। उत्तराखण्ड पुलिस को यू ही मित्र पुलिस नही कहते हैं। तीन दिन पूर्व सरयू गोमती संगम तट पर एक लावारिश नेपाली व्यक्ति की लाश मिली थी।
जिसके आधार पर कोतवाल कैलाश नेगी ने शव को कब्जे में लेकर म्रतक के सम्बंध में जानकारी जुटाकर शव को मोर्चरी में रख दिया था। तीन दिन बीतने के बाद म्रतक के कोई परिजन नही आने पर हिन्दू रीतिरिवाज के साथ अर्थी बनाकर शव का सरयू गोमती संगम तट पर कोतवाली पुलिस ने अंतिम संस्कार किया।वही कहते है जिसका कोई नही उसका भगवान होता है।कोतवाल नेगी ने एक भाई की तरह म्रतक को कंधा लगाकर उसका हिन्दू रीतिरिवाजों से दाहसंस्कार कराया।
कोतवाली पुलिस के जवानों ने भी अर्थी देकर मानवीयता का फर्ज निभाया।वही देर शाम तक म्रतक के कोई परिजन नही आने पर पुलिस ने म्रतक का दाह संस्कार किया।कोतवाली पुलिस की दरियादिली देखकर लोगों ने मानवीयता दिखाकर लावारिश को अंतिम मोक्ष हेतु दाह संस्कार सम्पन्न कराने के लिए लोगों ने मित्र पुलिस की कार्यशैली की भूरी भूरी प्रशंसा की।वही सरयू नदी तट पर लावारिश नेपाली मूल के मजदूर का दाह संस्कार किया गया।इस दौरान कोतवाली पुलिस के उपनिरीक्षक कांस्टेबल और अन्य लोग मौजूद रहे।