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देवभूमि की संस्कृति के विरुद्ध है लिव इन रिलेशन

उत्तराखण्ड

देवभूमि की संस्कृति के विरुद्ध है लिव इन रिलेशन


एक वर्ष में प्रवासी को स्थाई निवासी देना मूल निवासी के अधिकारों में अतिक्रमण
सरकार नहीं करेगी प्रावधानों में बदलाव तो प्रदेश में होगा उग्र प्रदर्शन
हल्द्वानी:आज पहाड़ी आर्मी उत्तराखण्ड ने
महामहीम राज्यपाल उत्तराखण्ड को आयुक्त कुमाऊं मंडल के माध्यम से समान नागरिक संहिता (UCC) कानून के प्रावधानों में बदलाव की मांग को लेकर ज्ञापन दिया ज्ञापन में कहा गया कि उत्तराखण्ड एक विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला हिमालयी राज्य है और यहाँ के मूल निवासी लंबे समय से कमजोर सरकारी नीतियों(स्वास्थ्य, शिक्षा,भूकानून, मूल निवास1950 आदि विषयों) के कारण ‘पलायन’ करने को मजबूर रहे हैं।इसके साथ-साथ राज्य में भयंकर ‘जनसांख्यिकी बदलाव’ बहुत तेजी से आया है और बाहरी लोग राज्य में लागू कमजोर कानून-नीतियों के कारण हमारे ‘पहाड़ी हिंदू समाज’ के अधिकारों को रौंद कर, दबाव बना कर, धन/बल प्रयोग कर यहां के जल, जगंल, जमीन सहित हमारी बहन-बेटियों पर बाहरी लोग हमलावर रहते हैं जिस कारण प्रदेशवासी लगातार सड़कों पर आंदोलन करते आ रहे है परंतु उत्तराखण्ड सरकार ने उपरोक्त सभी मांगों/परिस्थितियों को अनदेखा कर केवल अपने राजनीतिक गणित को साधने हेतु समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी।और उसमें भी ‘लिव-इन-रिलेशन'(सहवास संबंध) जैसा प्रावधान कर अनैतिकता एवं अवैध संबंधों को बढ़ावा देकर प्रदेश की 80% जनसंख्या(पहाड़ी हिंदुओं) की संस्कृति तथा रिति-रिवाजों पर कुठाराघात किया है। एक सामाजिक ‘विकृति’ को रोकने-दबाने की बजाय यह प्रावधान अवैध संबंधों को वैधता/प्रश्रय दे रहा है और हमारे सनातन धर्म के महत्वपूर्ण विवाह संस्कार को छिन्न-भिन्न कर हमारे युवा लड़के-लड़कियों को गलत दिशा देकर उनके भविष्य को, पारिवारिक संबंधनो ,सामाजिक ताने-बाने को ध्वस्त करता है और हमें यह कतई स्वीकार्य नहीं है।
इसलिए ‘पहाड़ी आर्मी उत्तराखण्ड’ संगठन पिछले 11 दिनों से क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क हस्ताक्षर अभियान चलाया जिसमें बड़े संख्या में 10 हजार से अधिक समाज के सभी वर्गों के लोगो ने हस्ताक्षर कर अपना समर्थन दिया ।


पहाड़ी आर्मी के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा हमारा संगठन वर्तमान में लागू समान नागरिक संहिता कानून के निम्न प्रावधानों का सख्त विरोध करती है:
1) लिव-इन-रिलेशन को कानूनी मान्यता देकर पहाड़ी हिंदू संस्कृति को तहस-नहस करने का विरोध करते हैं।
2) बाहरी लोगों को मात्र एक वर्ष में निवास प्रमाण पत्र बांट कर, उत्तराखंड में हम पहाड़ी हिंदुओं के नौकरी भूमि संसाधन आदि अधिकारों को छीनने का विरोध करते हैं।
संगठन महामंत्री विनोद शाही ने कहा
यदि उत्तराखण्ड में धामी सरकार वास्तव में प्रदेश वासियों के हित में शिक्षा, स्वास्थ्य, एक घर एक रोजगार, पहाड़ी हिंदुओं का संरक्षण चाहती है तो उत्तराखण्ड की निम्न मांगों को अतिशीघ्र लागू करें

  1. समान नागरिक संहिता (UCC) के उपरोक्त प्रावधानों को अतिशीघ्र हटाया जाए।
  2. राज्य के विषम पहाड़ी क्षेत्र में निवास करते सभी ‘पहाड़ी हिंदुओं’ को संविधान की अनुसूची 5 में scheduled area category में रखा जाए।
  3. मूल निवास 1950 और भू-कानून से हमारे पहाड़ी हिंदू समाज को सशक्त कर, संरक्षित कर, उद्यम-स्वावलंबन की समुचित व्यवस्था की जाए।
  4. गौमाता को राज्य माता का दर्जा दिया जाय कार्यक्रम के दौरान
    संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत
    प्रदेश संगठन महामंत्री विनोद शाही,कोषाध्यक्ष भगवंत सिंह राणा,मीडिया प्रभारी गौरव गोस्वामी, हल्द्वानी महानगर अध्यक्ष भुवन पांडेय,जिला अध्यक्ष मोहन कांडपाल ,युवा जिला अध्यक्ष नैनीताल मोहित राणा,युवा नगर अध्यक्ष हल्द्वानी विनोद नेगी,जिला प्रभारी नैनीताल हिमांशु शर्मा,पीयूष जोशी, कैलाश डालाकोटी,कमलेश जेठी ,भरत परिहार,राजेंद्र कांडपाल,बंटी जोशी,कपिल शाह,पंकज बिष्ट, दीपक गंगोला आदि दर्जनों समर्थक मौजूद रहे।

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