उत्तराखण्ड
देहरी पूजन करके बच्चों ने की सुख समृद्धि की कामना
रानीखेत। देवभूमि उत्तराखंड में लोकपर्व फूलदेई का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। बच्चों की टोलियों ने गाँव में घर घर व मंदिरों में जाकर देहरी पूजन करके सुख समृद्धि की कामना की। फूलदेई पर प्रातःकाल ही बच्चों ने नये नये वस्त्रों को पहनकर अपनी अपनी टोलियों के साथ फूल लेकर मंदिरों व घरों में देहरी पूजन किया। देवभूमि उत्तराखंड के लोकपर्व फूलदेई पर देश राज्य समाज गाँव घरों में सदैव खुशहाली, समृद्धि, उमंग बनी रहे इसी कामना से बच्चे फूलदेई पर घरों की देहरी को फूलों से पूजते हैं। फूलदेई प्रकृति से जुड़ा पर्व है। इसे सामाजिक, सांस्कृतिक और लोक परंपरा से जुड़ा त्योहार भी माना जाता है। फूलदेई पर बच्चों द्वारा “फूलदेई क्षमा दे ,सासु ब्वारी भर भकार” आदि गीत कहकर घरों की देहरी पूजन किया जाता है। देवभूमि में भकार पूर्व में अन्न का भंडारण ,भंडार के रूप में जाना जाता था। और अन्न की जितनी अधिक उपज होती थी भकार उतना ही अधिक भरा रहता था,और इससे संपन्नता का भी अंदाजा लगाया जाता था। इसलिए सदैव भकार के भरे रहने की कामना की जाती थी और आज भी भर भकार के रूप अन्न का भंडार सदैव भरा रहे इसकी कामना इस पर्व पर बच्चे देहरी पूजन में करते हैं। बच्चों को इस अवसर पर चावल, गुड़ भेंट किया जाता है। आज फूलदेई पर बच्चे बड़ो का आशीर्वाद लेकर मंदिरों एंव गाँव घरों में फूल लेकर देहरी पूजन करने गये।











