उत्तराखण्ड
हल्द्वानी में हुई भेंट घाट।
रिपोर्ट : देवेंद्र नेगी
हल्द्वानी :उत्तराखंड के लोक कलाकारों द्वारा उत्तराखंड सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में भेटघाट सांस्कृतिक परिचर्चा एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्वलित कर करने के साथ समिति के पूर्व संरक्षक लोकगायक स्व॰ प्रहलाद सिंह मेहरा को उनके गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की गई। तत्पश्चात कार्यक्रम में समिति द्वारा स्व॰ हीरा सिंह राणा को उनके द्वारा उत्तराखंड लोक संगीत के प्रति सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने के लिए सम्मान राशि और सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया जिसे उनकी पत्नी विमला राणा द्वारा स्वीकार किया गया,लोक विधा में कार्य करने हेतु युवा लोक कला पुरस्कार सुन्दर राम को दिया गया,मंच संचालन हेमंत बिष्ट द्वारा किया गया,
द्वितीय सत्र का संचालन डा० अनिल कार्की द्वारा किया गया और लुप्त हो रही लोक विधाओ की विस्तृत जानकारी दी
विगत तीन वर्षों से आयोजित किए जाने वाले इस भेटघाट कार्यक्रम में इस वर्ष परिचर्चा का मुख्य विषय जागर, बैर-भगनौल जैसी प्राचीन लोक संगीत की विधायें रखा गया था। जिसमें दूरस्थ क्षेत्रों से आए जागर, बैर-भगनौल के विशेषज्ञों द्वारा नई पीढ़ी के कलाकारों को इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी और उनका प्रस्तुतीकरण भी किया।
अल्मोड़ा के मालता गांव से आए सुंदर राम की बैसी जागर के गुरु है द्वारा ढोल वादन कर धूनी जागा में नौमत और देवों की पूजन विधि के बारे में बताया। फिर लोकगायक नैननाथ रावल, रमेश जगरिया, पूरन राम एवं नारायण राम द्वारा भागनौल गाकर उनके विषय में जानकारी दी।
साथ ही उत्तराखंड के लोक देवताओं के जागर और दंत कथाओं के बारे में बताया,कार्यक्रम में पवन कार्की नवीन तोलिया संदीप सोनू नितेश बिष्ट नन्द किशोर पांडे पुष्कर महर विनोद कुमार अमन सबरवाल रणजीत सिह नीरज चुफाल कृष्ण सिह कार्की आदि लोग उपस्थित थे।