उत्तराखण्ड
हल्द्वानी,,, साइबर अपराध से जुड़े मामले में MBPG कॉलेज के पूर्व छात्र नेता का नाम,,,,,
हल्द्वानी। बनभूलपुरा पुलिस ने साइबर अपराध से जुड़े मामले का खुलासा किया है। यहां आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बैंक में खाते खुलवाकर उनमें करोड़ो रुपयों का हेर फेर किए जाने का मामला सामने आया है। सावित्री कॉलोनी मंगलपड़ाव निवासी रमेश चंद्र ने बनभूलपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वह आजादनगर बनभूलपुरा स्थित बेकरी में काम करता है। इस बीच उसकी मुलाकात साजिद से हुई। साजिद ने बताया कि वह क्रिप्टो करेंसी में काम करता है। जहां से उसे अच्छा मुनाफा हो रहा है। रमेश ने साजिद और उसके दोस्त अनस मलिक के संग मिलकर उद्यम विभाग में आरसी इंटर प्राइजेज के नाम से पंजीकरण कराया और यहां से मिले उद्यम सर्टिफिकेट के जरिये बैंक में आरसी इंटर प्राइजेज के नाम से करंट एकाउंट खुलवा लिया। इस खाते का संचालन अपने हाथ में ले लिया। इसी वर्ष 19 मार्च को साजिद ने रमेश के बैंक खाते में 30 हजार रुपये डलवाए। जिसमें से 10 हजार रमेश को दिए और बाकी रख लिए। भरोसा दिया कि इसी तरह उन्हें और भी रुपए मिलते रहेंगे।
आरोपियों की लिस्ट में एमबीपीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारी करन अरोरा व उसके भाई समेत 12 आरोपित शामिल हैं। प्रथम जांच में करन अरोरा व विदेश में बैठे उसके भाई और एक अन्य युवक के क्रिप्टो करेंसी का काम करने की बात सामने आई है। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस जांच में पता चला कि इस मामले के तार सीधे दुबई से जुड़े हुए हैं। दुबई में बैठा करन अरोरा का भाई पूरे मामले को संभालता है। उसी के कहने पर करन अरोरा ने हल्द्वानी में खाते खुलवाने का काम शुरू किया। बैंक खाते में रुपये कहां से आए, पुलिस इसकी जांच कर रही है। हालांकि नोएडा पुलिस यहां आकर स्थानीय पुलिस को कई साक्ष्य दे चुकी है। मगर अधिकारी अभी खुलकर बोलने से बच रहे हैं।
बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि तहरीर के बाद बनभूलपुरा निवासी साजिद, अनस मलिक, मो कैफ, रमीश, करन अरोरा, सिकंदर हुसैन, युसूफ, वासिद, प्रियांशु ठाकुर, मोनिस, नितिन अटवाल व रमीज खान के विरुद्ध धोखाधड़ी की धारा में केस दर्ज कर लिया गया है।











