उत्तराखण्ड
नवरात्री – जब चारों ओर अंधियारा हो
नवरात्री🙏🙏🙏🙏
जब चारों ओर अंधियारा हो
दिखाई न दे कोई रास्ता तो
तब हौसलों में उड़ान भर
मेरी माता मेरा साथ देती है,,,,,
जब दुनिया के डर से मैं विचारों में सिमट जाती हूँ
और खुद को परेशानियों से घिरा पाई हूँ।
तब उम्मीद की किरन दिखाकर
मेरी माता मेरा,,,
जब मन कुछ विचलित सा होता है मेरा
तब दिखाकर नया सवेरा
मेरी माता मेरी साथ देती है।
जब कभी किसी बात पर
लड़खड़ाते हैं कदम मेरे
तब दिलाकर मुझे हिम्मत
मेरी माता मेरा साथ देती है।
जब कोई नहीं होता साथ मेरे
अपने हो जाते बेगाने हैं।
तब अपना बनाकर
मेरी माता मेरा साथ देती है।
जब फरियाद लेकर मैं जाती हूँ
सुनकर मेरी फरियाद
रहमतें मुझ पर बरसाकर
मेरी माता मेरा साथ देती हैं।
यही कहना चाहूँगी
जगत पालन हार है माँ
मुक्ति का वो सार है।
हमारी भक्ति का आधार है माँ
और हर एक नारी में
अवतार है माँ,,,,,,,,🙏🙏🙏🙏🙏
कवियत्री-ज्योती पंत