उत्तराखण्ड
अलकनंदा के किनारे फिर भी 11 गांव प्यासे, गर्मी बढ़ते ही होने लगी पानी की किल्लत, दो दिन से कीर्तिनगर से सटे गांवो में पानी नही।
श्रीनगर गढ़वाल – गर्मी के बढ़ते ही पानी की किल्लत होना आम बात है परन्तु यदि पानी की किल्लत विभागीय उदासीनता के चलते हो तो आम जनता कहां जाये, कीर्तिनगर और श्रीनगर से लगे गांव घिल्डियाल गांव, देवली, रानीहाट में पानी की कमी के चलते लोग परेशान हैं पिछले दो दिन से यहां घरों में पानी नही आया है,सरकार द्वारा लाखों रूपये खर्च कर देवली, घिल्डियाल गांव और रानीहाट में दो सौ से ज्यादा परिवारों के नल जल जीवन मिशन से लगाये गये थे, परन्तु इन नलों को आज तक पानी की बूंदो का इंतजार है। देवली गांव में वर्तमान में जो पानी की सप्लाई होती है वह 20वर्ष पुरानी योजना है जो कि डांग गदेरे से जोड़ी गयी है। वर्तमान में 20 वर्ष बाद भी देवली ग्राम सभा में पानी के टैंक की धारक क्षमता उतनी ही है जबकि आबादी तीन गुनी ज्यादा है। इस टैंक को किसी भी पंपिंग योजना से नही जोड़ा गया है, लाईन में फिल्टर की व्यवस्था नही होने से लोग बरसात में मिट्टी वाला गंदा पानी पीने को मजबूर होते हैं। साथ ही यदि कभी पानी की लाईन में कोई दिक्कत हो तो देवली, रानीहाट में पानी की सप्लाई की कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नही है। यह क्षेत्र देवप्रयाग विधान सभा के अन्तर्गत आता है जो कि युवा विधायक विनोद कंडारी का विधान सभा क्षेत्र है। विकासखंड कीर्तिनगर के चौरास क्षेत्र की 11 ग्राम पंचायतों के लिए 37 करोड़ रुपए की लागत से पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. घिल्डियालगांव, देवली, रानीहाट, नैथाणा, मढ़ी, नौर, मंगसू, सुपाणा, सांक्रो आदि गांवों को जल्द ही वर्षों पुरानी पेयजल समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है परन्तु योजना के कार्यों में चल रही सुस्ती के चलते अभी लोगों को पानी की कमी से जूझना पढ़ सकता है। अभी लोगो की दिक्कतें कम होती नही दिखाई दे रही।