जम्मू और कश्मीर
भूकंप के झटकों से दहला असम और जम्मू-कश्मीर, घरों से बाहर निकले लोग
जम्मू-कश्मीर के डोडा और असम के उदलगुड़ी में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किये गए। जिसके बाद सभी लोग अपने घरो से बाहर निकल गए। बताया जा रहा है जम्मू में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मैग्नीट्यूड रही वहीं असम में यह 4.2 मैग्नीट्यूड रही।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया की डोडा जिले में सुबह 6.14 बजे रिक्टर पैमाने पर 4 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप धरती की सतह से 15 किलोमीटर अंदर आया। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक कहीं से भी किसी के नुकसान पहुंचने की कोई खबर नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के चिनाब घाटी क्षेत्र में अलग-अलग तीव्रता के भूकंप आते रहे हैं, जिसमें डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी जिले शामिल हैं। पिछले पांच से सात सालों में इन भूकंपों की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। यहां पहले भी भूकंपों ने कहर बरपाया है।
बताया जा रहा है कि असम के ब्रह्मपुत्र के उत्तरी किनारे पर उदलगुडी जिले में सुबह लगभग 07:47 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र जमीन से 15 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का केंद्र गुवाहाटी से करीब 105 किलोमीटर उत्तर और असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा के समीप तेजपुर से 48 किलोमीटर पश्चिम में स्थित था। आसपास के दरांग, तामुलपुर, सोनितपुर, कामरूप और बिश्वनाथ जिलों के लोगों ने भी भूकंप के झटके महसूस किए। कामरूप महानगर, मोरीगांव और ब्रह्मपुर के दक्षिण छोर पर नगांव में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
आपको बता दें कि हिमाचल के कुल्लू में भी भूकंप के झटके महसूस हुए, जिनका केंद्र कुल्लू रहा। इसके साथ ही सबसे नजदीकी बड़ा शहर जहाँ भूकंप महसूस किया गया हो, वह बंजर है। यह भूकंप के केंद्र से 36 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। माना जा रहा है कि यहाँ रहने वाले लोगों ने मामूली कम्पन्न महसूस किया होगा।
भूकंप से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं
भूकंप से बचने के बारे में यहाँ बताया गया है :
- अगर भूकंप से समय पर आप घर में हैं तो सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं।
- किसी भी टेबल के नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लें। भूकंप के झटके आने तक घर में ही रुकें, बाद में बाहर निकलें।
- भूकंप के समय अगर आप बाहर है तो ऊंची इमारत या बिजली के खंभों से दूर रहें।