उत्तराखण्ड
प्रधानमंत्री जागेश्वर धाम दर्शन के बाद करेंगे कुमाऊँ दौरा।
अल्मोडा़ – 12 अक्टूबर को कुमाऊं दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्मोडा़ जिले में जागेश्वर धाम के दर्शनों के बाद कुमाऊं यात्रा का शुभारंभ करेंगे। पीएम जागेश्वर धाम में 22 मिनट तक रुकेंगे। उनके दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। रविवार से जागेश्वर धाम में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश भी रोक दिया गया था । पीएम के दौरे के दौरान किसी को भी धाम में इंट्री नहीं दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। पीएम की सुरक्षा को लेकर एसपीजी सहित स्थानीय पुलिस ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली है। रविवार से अल्मोड़ा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में बाहरी व्यक्तियों की एंट्री भी पूरी तरह से बैन कर दी गई है। जागेश्वर धाम में 12 अक्टूबर तक किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। 11 अक्टूबर की शाम से ही जागेश्वर धाम को जीरो जोन बना दिया गया । मंदिर एसपीजी के हैंड ओवर कर दिया जाएगा। इसके साथ ही अल्मोड़ा की सीमाओं पर भी गहन चेकिंग की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अक्टूबर को त्रिशूल एयरवेज से बोइंग विमान के जरिए उत्तराखंड आएंगे। यहां वे सबसे पहले जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना करेंगे। पीएम मोदी के कार्यक्रम के आधार पर मंदिर समिति ने भी अपनी ओर से कार्यक्रम तय किए हैं। मंदिर समिति के अनुसार पीएम मोदी जागेश्वर धाम मंदिर में 10 मिनट तक अलग-अलग मंदिरों में पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद 5 मिनट की परिक्रमा का भी पीएम का कार्यक्रम है और फिर 7 मिनट तक भी यहां साधना करेंगे।
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में सर्वप्रथम 11 पंडित स्वस्तिवाचन कर पीएम का स्वागत करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दो मुख्य जागेश्वर मंदिरों में 6-6 मिनट की पूजा करेंगे। दो-दो मिनट की अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना कराई जाएगी। पूजा अर्चना के बाद 7 मिनट तक पीएम साधना कर सकते हैं।
हालांकि यह भी माना जा रहा है की साधना का समय बढ़ाया जा सकता है। जबकि 5 मिनट का समय मंदिर की परिक्रमा करने के लिए रखा गया है। हालांकि शुरुआती तैयारी के हिसाब से मंदिर परिसर में कुल 22 मिनट का कार्यक्रम प्रधानमंत्री का तय किया गया है। मंदिर में पीएम मोदी को पूजन कराने वाले सभी पंडितों के लिए भी ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है। पूजा के दौरान सभी पंडित कुर्ता, धोती, वास्कट और टोपी पहनेंगे।