उत्तराखण्ड
स्कूलों की मान्यता होगी रद्द,, अगर बस्ते का वजन कम नहीं होगा तो,,,,,,
बच्चों के बस्ते का वजन कम न हुआ तो उनकी मान्यता रद्द होगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किया है।
निर्देश में कहा गया है कि एनईपी 2020 के तहत बस्ते का वजन तय किया गया है। विभिन्न शिक्षण संस्थान इसका पालन नहीं कर रहे।
शिक्षा निदेशक ने कहा, बस्ते का वजन तय मानक के अनुसार किए जाने के साथ ही शिक्षण संस्थानों में 10 बस्ता रहित दिवस मनाए जाने के निर्देश हैं। जिसे स्कूल अतिरिक्त भार के रूप में न देखते हुए सीखने सिखाने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनाए।
इससे व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान के बीच का अंतर कम होगा।
साथ ही बच्चे वास्तविक कार्यक्षेत्र के लिए आवश्यक कौशलों से परिचित हो सकेंगें। निर्देश दिया जाता है कि शासनादेश के अनुसार बस्ते का वजन सरकारी, अशासकीय एवं निजी विद्यालयों में कराया जाना सुनिश्चित करें। इसके लिए टीम गठित कर समय-समय पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाए।
तय है बस्ते का वजन
उत्तराखंड प्रदेश में सभी स्कूलों के लिए कक्षा एक से 12 वीं तक एक किलो छह सौ ग्राम से अधिकतम पांच किलोग्राम तक बस्ते का वजन तय किया गया है।











