उत्तराखण्ड
शंकराचार्य बोले, जाति की आड़ में अपने कुकृत्यो को छिपाने का काम करते हैं,,,,
कथावाचक से इटावा में हुई पिटाई पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा लोग जाति की आड़ में अपने कुकृत्यों को छिपाने का काम करते हैं. आप अगर यादव हैं आप अगर जाटव हैं तो इसमें क्या खराबी है आप क्यों अपनी जाति को छुपा रहे हैं. लेकिन जब हम सब जातियों को कथा सुनाने को आते हैं तो सार्वजनिक रूप से कथा कहने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मण को है. शास्त्रों के अनुसार सभी जातियों को कथा सुनाने के लिए ब्राह्मण ही उपयुक्त हैं, यादव-जाटव धोखाधड़ी कर रहे थे, अपनी जाति छुपाकर वहां पर गए थे ।











