उत्तरकाशी
सिलक्यारा टनल में मैनुअल ड्रिलिंग के लिए सेना की विशेष टीम उत्तरकाशी पहुंची।
सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिकों की जान जोखिम में है। रेस्क्यू की राह में कई तरह के अवरोध आ रहे हैं। जो मशीनें खोज बचाव के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचाई जा रही हैं, उन्हें सिलक्यारा पहुंचने में बदहाल सड़कों से जिल्लत झेलनी पड़ रही है। फिर भी रेस्क्यू जारी है, जल्द ही मजदूर बाहर आएंगे। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) चल रहा है। पखवाड़े भर से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों का रेस्क्यू जारी है लेकिन ड्रिलिंग के लगातार अवरुद्ध होने से देरी हो रही है। हालांकि मजदूरों का स्वास्थ ठीक है और उन्हें पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है। सिलक्यारा टनल में मैनुअल ड्रिलिंग के लिए सेना की विशेष टीम उत्तरकाशी पहुंची। साथ ही मुंबई में सीवर साफ करने वाली कंपनी से भी टीम बुलाई गई है। मैनुअल ड्रिलिंग में दोनों टीमें अग्रणी भूमिका में रहेंगी।सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी की जारी है। इसके लिए एस्केप टनल में औगर मशीन के फंसे कलपुर्जे को काट कर निकाला जा रहा है। मैन्युअल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी 201 इंजीनियरिंग रेजीमेंट को दी गई है। रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि मैन्युअल ड्रिलिंग में आर्मी सहयोग करेगी। इंजीनियरिंग रेजीमेंट ने एक नैनो जेसीबी भी सुरंग में पहुंचाई है। यह जेसीबी खुदान के दौरान वाइब्रेशन काम करती है। सुरंग में 41 श्रमिकों की जान जोखिम में है। रेस्क्यू की राह में कई तरह के अवरोध आ रहे हैं। जो मशीनें खोज बचाव के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचाई जा रही हैं, उन्हें सिलक्यारा पहुंचने में बदहाल सड़कों से जिल्लत झेलनी पड़ रही है। फिर भी रेस्क्यू जारी है, जल्द ही मजदूर बाहर आएंगे। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) चल रहा है। पखवाड़े भर से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों का रेस्क्यू जारी है लेकिन ड्रिलिंग के लगातार अवरुद्ध होने से देरी हो रही है। हालांकि मजदूरों का स्वास्थ ठीक है और उन्हें पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है। सिलक्यारा टनल में मैनुअल ड्रिलिंग के लिए सेना की विशेष टीम उत्तरकाशी पहुंची। साथ ही मुंबई में सीवर साफ करने वाली कंपनी से भी टीम बुलाई गई है। मैनुअल ड्रिलिंग में दोनों टीमें अग्रणी भूमिका में रहेंगी।सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी की जारी है। इसके लिए एस्केप टनल में औगर मशीन के फंसे कलपुर्जे को काट कर निकाला जा रहा है। मैन्युअल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी 201 इंजीनियरिंग रेजीमेंट को दी गई है। रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि मैन्युअल ड्रिलिंग में आर्मी सहयोग करेगी। इंजीनियरिंग रेजीमेंट ने एक नैनो जेसीबी भी सुरंग में पहुंचाई है। यह जेसीबी खुदान के दौरान वाइब्रेशन काम करती है।