उत्तराखण्ड
आक्रोशित काश्तकारों ने आग के हवाले की सूखी फसल मांगा मुआवजा, की नारेबाजी, कार्रवाई न हुई तो तहसील में करेंगे प्रदर्शन
चौखुटिया (अल्मोड़ा) । रामगंगा के किनारे बसे होने के बावजूद सिंचाई विभाग की अनदेखी की मार काश्तकारों को साल दर साल झेलनी पड़ रही है। एक ओर सिंचाई विभाग की नहरों से समय पर पानी नही मिल पाया तो दूसरी ओर बारिश ने भी मुंह मोड़ लिया। इसी के चलते दर्जनों गांवों की धान सहित अन्य दलहनी फसलें सूख गई है जिससे आक्रोशित खनुली के काश्तकारों ने सुखी धान फसल को आग के हवाले कर दिया। काश्तकारों ने रूआंसे होकर शासन- प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर नुकसान का मुआवजा देने तथा कार्रवाई न होने पर तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
खनुली सहित दर्जनभर प्रभावित क्षेत्रों में रामगंगा बायीं नहर के अलावा चमसील में बने सिंचाई पंप सिंचाई व्यवस्था होती है लेकिन हर बार खरीफ फसल में पानी जेठुआ, दीपाकोट,झुडंगा, खनुली, मासी चौना आदि ग्राम पंचायतों तक नहीं पहुंच पाता है। नहर से पानी न मिलने के साथ ही इस साल पर्याप्त बारिश न होने से अधिकांश क्षेत्रों में अपेक्षित पैदावार नही हुई । जबकि दर्जनभर गांव की धान फसल के साथ भट्ट ,सोयाबीन ,गहत आदि दलहनी फसलें सूख गई हैं। जहां धान पर बाल नहीं आई वही तिलहनी फसलें फूल आने से पूर्व सूख गई है जिससे काश्तकारों के आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
इसी से गुस्साए खनुली के काश्तरों ने बुधवार को सूखी धान फसल पर आग लगाकर विरोध जताया। इस दौरान शासन, प्रशासन के साथ ही सिंचाई विभाग व सक्षम जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। ग्रामीण काश्तकार सूखी फसल हाथ में लेकर नुकसान का शीघ्र सर्वे कर मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। काश्तकारों का कहना है कि तहसील मुख्यालय में पहुंचकर धरना प्रदर्शन के साथ सूखी फसल के मुआवजे की मांग की जाएगी। नारेबाजी करने वालों में पूर्व प्रधान हेम उपाध्याय,ख्याली उपाध्याय, पूरन पांडे ,कैलाश पांडे ,दिनेश नैनवाल, उर्मिला देवी ,हेमा चौडाल, ज्योति उपाध्याय ,मंचू उपाध्याय ,माधुरी पांडे ,चंद्र दत्त उपाध्याय ,नरी राम, कृपाल सिंह, कविता ,पिंकी, लीला आदि थे।