उत्तराखण्ड
डाक्टर के भावनात्मक सवालों और दबाव से टूटा आरोपी,,,,, उगला सच
गौलापार के चर्चित अमित मौर्य हत्याकांड का शनिवार को एसएसपी ने खुलासा किया। पुलिस के अनुसार आरोपित बच्चे के साथ दुष्कर्म करने की मंशा से अपने साथ ले गया। बच्चे के विरोध करने पर उसने बेरहमी से गला दबाकर हत्या कर दी। वारदात को छुपाने के लिए मृतक का सिर और हाथ काट डाले। समय की कमी के चलते, शव को अपने ही घर में दफना दिया। बच्चों का सिर और दायां हाथ पुलिस ने 85 घंटे बाद बरामद कर लिया है। आरोपित पुलिस को तंत्र-मंत्र संबंधी बयान देकर गुमराह करता रहा।
जिला बरेली के शाही क्षेत्र खूबकरन मौर्य गौलापार के पश्चिमी खेड़ा में बंटाईदारी का काम करते हैं। चार अगस्त को उनका 10 वर्षीय बेटा दोपहर के समय गायब हो गया था। इसके बाद काठगोदाम खाने में उसकी गुमशुदा की दर्ज कराई थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने संदिग्ध की पहचान निखिल जोशी पुत्र मोहन चंद जोशी के रूप में की। पुलिस को मोहन जोशी के बाड़े से गड्ढे में दबा बालक का शव मिला था जिसका सर और दाहिना हाथ गायब था।
पुलिस की पूछताछ में निखिल जोशी तांत्रिक क्रियाओं की ओर घटनाक्रम को मोड़कर लगातार गुमराह करने का प्रयास करता रहा। इसके बाद पुलिस ने सुशीला तिवारी चिकित्सालय के मनोवैज्ञानिक डॉक्टर युवराज पंत की मदद ली।डॉक्टर के भावनात्मक सवालों और दबाव से आरोपी टूट गया। उसने वारदात को स्वीकारते हुए कटा सिर और हाथ गोठ में छुपाने की जानकारी दी।
आरोपी ने यह भी बताया कि दरिंदगी में नाकाम होने के बाद उसने बच्चे के शव के टुकड़े कर गोला नदी में बहाने की योजना बनाई थी। समय की कमी के चलते उसने बच्चों के शव को घर से 200 मीटर की दूरी पर दफना दिया। इस पूरे घटनाक्रम में सीसीटीवी फुटेज ने मुख्य भूमिका अदा की। बच्चों के गुमशुदगी वाले दिन आरोपित निखिल बच्चों के पीछे-पीछे जाता हुआ सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया इसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई और आरोपी को गिरफ्तार किया। इसे आरोपित को साक्षी मिटाने का मौका नहीं मिल पाया।
हत्या के खुलसी के बाद भी पुलिस शेर को धड़ से अलग करने वाले हथियार को बरामद नहीं कर पाई है। पुलिस ने आरोपी को रिमांड में ले लिया गया है।











