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भव्य शोभायात्रा के साथ मां नंदा सुनंदा महोत्सव का समापन। मां नंदा सुनंदा की भव्य शोभायात्रा में मां के जयकारों के साथ उमड़ी भक्तों की भीड़।

उत्तराखण्ड

भव्य शोभायात्रा के साथ मां नंदा सुनंदा महोत्सव का समापन। मां नंदा सुनंदा की भव्य शोभायात्रा में मां के जयकारों के साथ उमड़ी भक्तों की भीड़।


रानीखेत। देवभूमि उत्तराखंड अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व विख्यात है तो यह देवों की तपोभूमि के रूप में भी जानी जाती है और देवभूमि में सदैव होता है अटूट आस्था का संगम। देवभूमि उत्तराखण्ड में आजकल मां नंदा सुनंदा के जयकारे से गुंजायमान हो रहे अनेक क्षेत्रों में नंदा महोत्सव की धूम मची हुई है। मां नंदा देवभूमि उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल सहित हिमालय के अन्य भागों में जन सामान्य की लोकप्रिय देवी के रूप में जानी जाती हैं। देवभूमि उत्तराखंड के पर्यटन नगरी रानीखेत में मां नंदा सुनंदा की भव्य शोभायात्रा,मां के भव्य डोले में भक्तों की भीड़ उमड़ी। मां नंदा सुनंदा के जयकारों के साथ नंदा सुनंदा महोत्सव का समापन हो गया। रानीखेत में भव्य डोले के साथ रानीखेत नगर के ऐतिहासिक नंदा देवी महोत्सव का समापन हो गया। रानीखेत के जरूरी बाजार स्थित नंदा देवी मंदिर से भजन कीर्तन और नगाड़े-निशान के साथ मां नंदा-सुनंदा का भव्य डोला शुरू हुआ। नंदा-सुनंदा के जयकारों और भजनों से पर्यटन नगरी का माहौल भक्तिमय हो उठा। श्रद्धालुओं ने पुष्प-अक्षत की वर्षा कर लोक में रची-बसी आराध्य देवी को विदाई दी। रानीखेत के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी नंदा देवी महोत्सव समापन भव्य शोभायात्रा में भाग लिया। सांस्कृतिक शोभायात्रा में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। रंगारंग प्रस्तुति देने के साथ मां नंदा-सुनंदा के जयकारे विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के जरिए पर्वतीय अंचल की समृद्ध लोक संस्कृति भी जीवंत हो उठी। शोभायात्रा में लोकगीतों व नृत्य की धूम मची रही। संस्कृति विभाग के सौजन्य से आमंत्रित छोलिया दलों ने भी शोभायात्रा का आकर्षण बढ़ाया। यात्रा में नगर के विभिन्न स्कूलों ने प्रतिभाग किया। द्यूलीखेत, रोडवेज स्टेशन, सदर बाजार, गांधी चौक, विजय चौक होते हुए डोला वापस नंदा देवी मंदिर पहुंचा। जिसके बाद विसर्जन यात्रा द्वाराक्षविधिवत मूर्तियों का विसर्जन किया गया। कार्यक्रम में यजमान दीपक बिष्ट नंदा देवी समिति अध्यक्ष हरीश साह, सांस्कृतिक संयोजक विमल सती, एलएम चंद्रा, किरन साह,भुवन साह,मोहिल साह दीपक पंत, पंकज साह, अगस्त लाल साह, सतीश पांडे, मुकेश साह, भुवन पपनै, पुरोहित विपिन पंत, प्रमोद कांडपाल, रामेश्वर गोयल, धीरज अग्रवाल सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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