उत्तराखण्ड
वर्षा का मौजूदा मौसम पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर पश्चिम भारत को कर रहा है प्रभावित : वैज्ञानिक
हरिद्वार:
मार्च के महीने में इतनी वर्षा होने के पीछे का संबंध पश्चिमी विक्षोभ से है। यह भूमध्यसागरीय क्षेत्र से आने वाले तूफान हैं जो उत्तर-पश्चिम भारत में वर्षा लाते हैं। फरवरी के विपरीत इस महीने पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित कर रहे है। वर्षा का मौजूदा दौर पश्चिमी विक्षोभ के कारण ही सामने आया है। आईएमडी के वैज्ञानिकों के मुताबिक इस महीने अब तक चार पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित कर चुके हैं। जिसके चलते कल बृहस्पतिवार देर शाम से हरिद्वार ग्रामीण के पथरी क्षेत्र में एक बार फिर से मौसम ने अपना मिजाज बदला है रात तेज हवा के साथ हुई बारिश ने क्षेत्र के किसानों की चिंता भी बढा़ दी है। पहाड़ी क्षेत्रो के साथ मैदानी क्षेत्रों में भी कल रात से हो रही बारिश से जहां लोगो को गर्मी वसे राहत मिली है वही इससे किसानों की तमाम फशले भी नष्ट होने की कागार पर आ खड़ी हुई है जिससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है।
दरअसल कि बीते कुछ दिनों पहले हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि के कारण किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था वही कल रात से भी आकाश में बिजली कड़ने के साथ-साथ लगातार भारी बारिश हो रही है जिससे किसानों की चिंता बड़ी हुई है। किसानों का कहना है कि गेंहू की अगेती फसलें पक कर तैयार है और कुछ तैयारी में है। जिसमे कुछ दिनों बाद कटाई का कार्य शुरू होना है फसल में पानी भर गया है और कल आये तेज़ तूफान के कारण फसल पूरी तरह से गिर चुकी है। बारिश के साथ तेज हवाओं से आम की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। वही किसानों ने लाखो की लागत से जो गन्ने की फसल लगाई थी वह भी नष्ट हो चुकी है सरसो की कटाई के बाद उसे सूखाने के लिए खेतों में छोड़ा गया था उसका भी फल झड़ चुका है। किसानों ने बताया अगर ओलावृष्टि हो गई तो किसान पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाएगा जिसकी पूर्ति किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा भी नही कर पायेगा।गेंहू की फसल के अंतिम समय हो रही बारिश फसल को नष्ट कर रही है जोकि किसानों के लिए एक चिंता का विषय है और फसलों को बरबाद करने की आशंका से किसानों के गले में जान अटकी हुई है।
वहीं दूसरी ओर वैगानिको की माने तो भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 30 मार्च से 1 अप्रैल तक उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में गरज और ओलावृष्टि के साथ बारिश के नए दौर का पूर्वानुमान जारी किया। 30 मार्च से 1 अप्रैल तक जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है, जबकि 30 और 31 मार्च को छिटपुट ओलावृष्टि होने की भी संभावना भी जताई गई थी जो की सही साबित हुई है।