उत्तराखण्ड
चौखुटिया के विकास को लेकर हुई चिंतन मंथन बैठक एकजुट होकर संघर्ष करने पर दिया गया जोर।
हेम कांडपाल।
चौखुटिया (अल्मोड़ा)। विकास की दौड़ में पिछड़ गई चौखुटिया घाटी के समूचे विकास के लिए क्षेत्र के जागरूक लोगों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के संयुक्त प्रयासों से आयोजित चिंतन मंथन बैठक में क्षेत्र के विकास की रूपरेखा तय करते हुए बड़े संघर्ष के लिए कमर कसने की बात कही गई। इस मौके पर गैरसैंण राजधानी का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा।
क्षेत्र के विकास को लेकर संगेला होटल परिसर में हुई बैठक में विभिन्न वक्ताओं ने विकास के लिए सभी लोगों को दलगत राजनीति छोड़कर एक मंच पर आने की बात कही। कहा गया कि प्राकृतिक रूप से साधन संपन्न होने के बावजूद विकास की दौड़ में पिछड़ते जा रही चौखुटिया घाटी का कोई खैर ख्वाह नजर नही आ रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि घाटी के लोगों में आपसी बिखराव के चलते ही आम जनता के हित लाभों से जुड़े सवालों पर सक्षम जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई ध्यान नही दिया गया।
बैठक में चौखुटिया-रामनगर-गैरसैंण रेल लाइन, केंद्रीय विद्यालय की स्थापना, सीएचसी में वैंटिलेटर, आईसीयू व अल्ट्रासाउंड के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सों की तैनाती, तड़ागताल झील का विकास आदि पर फोकस किया गया। वक्ताओं ने कहा कि प्रमुख्य आम उत्पादक घाटी व जड़ी बूटियों की स्थली होने के बावजूद इससे संबंधित उद्योग न खुलना भी दुर्भाग्यपूर्ण है। बैठक में गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की दिशा में हो रहे आंदोलनों को समर्थन् व सहयोग देने के साथ ही नगर पंचायत के कूड़े के निस्तारण संबंधी समस्या का शीघ्र निदान करने की मांग रखी गई। कहा गया कि जरूरत पड़ने पर इसके लिए आंदोलन किया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता रामसिंह बिष्ट व संचालन मदन सिंह नेगी ने किया। वहीं पूर्व प्रमुख नंदन सिंह संगेला, डा. कुलदीप बिष्ट, हेम कांडपाल, एलडी मठपाल, डा. नवीन जोशी, प्रेमसिंह अटवाल, खीमानंद जोशी, जीएस पटवाल,दरबान सिंह बिष्ट, प्रेम गिरी, खुशालसिंह, दिनेश जोशी, भगवत सिंह अधिकारी, गोकुलानंद नैलवाल, महादेव बिष्ट व घनानंद तिवारी आदि ने विचार रखे।
बैठक के अंत में मुख्य संयोजक रामसिंह बिष्ट ने सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए विकास के लिए एकजुट होने की बात कही। इससे पहले उन्होंने बैठक के उद्देश्य आदि के बारे में बताया l बैठक में क्षेत्र के कई सामाजिक कार्यकर्ता आदि मौजूद थे।