उत्तराखण्ड
दर्जा राज्यमंत्री शंकर कोरंगा की पहली प्रेस वार्ता,,,,,
दर्जा राज्यमंत्री शंकर कोरंगा ने पद ग्रहण के बाद पहली पत्रकार वार्ता करी, जिसमें उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं बताते हुए कहा कि जलागम कार्यों को केवल तकनीकी परियोजना न मानते हुए इसे जन आंदोलन और पर्यावरणीय सांस्कृतिक अभियान के रूप में विकसित किया जाए:
चार जिलों (चंपावत, खटीमा, केदारनाथ, हल्द्वानी) में पायलट मॉडल क्लस्टर जलागम योजना।
जल स्रोतों की वैज्ञानिक मैपिंग व संरक्षण हाइड्रोलॉजिकल डेटा व सैटेलाइट तकनीक का प्रयोग।
UCOST व अन्य तकनीकी संस्थाओं से गठजोड़ शोध आधारित निर्णय प्रणाली।
जल पंचायत मॉडल का क्रियान्वयन ग्रामीण समुदायों को स्वशासी जल प्रबंधन का अधिकार।
CSR और बाह्य निधियों की व्यवस्था संसाधनों का अधिकतम उपयोग।
युवाओं व महिलाओं की सहभागिता – स्कूली बच्चों, NSS, SHG की भूमिका को विस्तार देना।
राज्य जल संवाद सम्मेलन- उत्तराखंड जल मंथन 2025 की प्रस्तावना।
कोरंगा ने कहा कि आज जब देश प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में एक राष्ट्र एक सोच एक संकल्प की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तब उत्तराखंड को जल, जंगल, जमीन और जन की रक्षा के लिए आगे आना होगा।
“हर बूँद से जीवन, हर जल स्रोत से संस्कृति जुड़ी है- इसे बचाना केवल सरकार का नहीं, हम सबका दायित्व है।”











