हल्द्वानी
अंकिता हत्याकांड के वीआईपी को बचाने वाली सरकार ईजा- बैंणी के नकली सम्मान का कर रही नाटक।
रिपोर्टःजगमोहन रौतेला
- अंकिता हत्याकांड के वीआईपी को बचाने वाली सरकार ईजा- बैंणी के नकली सम्मान का नाटक कर रही है
- महिलाओ के नाम पर समारोह करने के बजाय महिला श्रम का सम्मान कर आशाओं और अन्य महिला कामगारों को वेतन दे सरकार
- हर मोर्चे पर नाकाम धामी सरकार तरह तरह के महोत्सव कर जनता को लुभाने का काम कर रही है
हल्द्वानी-महिलाओ के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने वाली सरकार महिला श्रम का सम्मान करने को तैयार नहीं है। यह बात भाकपा माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने प्रेस बयान जारी कर कही। उन्होंने कहा कि, ईजा- बैंणी महोत्सव कर महिला सम्मान का नकली ढिंढोरा पीटने के बजाय वास्तव में महिला श्रम का सम्मान कर आशाओं और अन्य महिला कामगारों को वेतन और कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, अंकिता हत्याकांड को एक साल से अधिक हो चुका है लेकिन फास्ट ट्रैक कोर्ट का वायदा करने वाले मुख्यमंत्री मौन हैं। अंकिता मामले में आने वाले अपने वीआईपी का नाम बचाने में सरकार पूरा जोर लगा रही है तब यह सरकार किस मुंह से उत्तराखण्ड की ईजा- बैंणी के सम्मान की बात कर रही है।अंकिता हत्याकांड के वीआईपी को बचाने वाली सरकार ईजा- बैंणी के नकली सम्मान का नाटक कर रही है।
भाकपा माले नेता ने कहा कि, हर मोर्चे पर नाकाम धामी सरकार इजा बैणी जैसे तरह तरह के महोत्सव कर जनता को लुभाने का काम कर रही है। लेकिन जनता अब भाजपा की इन चालबाजियों में आने वाली नहीं है।
माले नेता ने कहा कि, इस सरकार के राज में मजदूर,किसान, बेरोजगार, छात्र, युवा, महिलाएं,छोटे मझोले व्यवसाई व समाज के सभी कमजोर हिस्से अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। ऐसे में जनता का करोड़ों करोड़ रुपया ऐसे आयोजनों में खर्च करने के बजाय वास्तव में महिलाओं की स्थिति सुधारने और बेरोजगारी को दूर करने में लगाया जाना चाहिए।