उत्तराखण्ड
शिक्षक प्रशिक्षकों की नियमावली शीघ्र प्रख्यापित हो।
टीचर एडुकेटर फ़ोरम, उत्तराखंड के आव्हान पर आज प्रदेश के जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थानो में नियमावली शीघ्र प्रख्यापित किये जाने को लेकर सांकेतिक प्रदर्शन किया।
वक्ताओं.ने कहा कि 27 जून 2013 को जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थानों के पृथक कैडर का शासनादेश हो चुका है, जिसके माद्यम से डायटों में कार्य कर रहे शिक्षक प्रशिक्षको, के वेतन का 90 प्रतिशत अंश राज्य को केंद्र से मिल रहा है। लेकिन नियमावली न बनने से विसंगतियां उतपन्न हो रही है जिस कारण शिक्षक प्रशिक्षक लंबे समय से संघर्षरत है। माननीय उच्च न्यायालय में भी नियमावली शीघ्र बनाने की बात उच्च अधिकारियों द्वारा लगातार कही जा रही है तो फिर शीघ्र नियमावली प्रख्यापित कर नियमावली के अनुसार नियुक्तियां करने के बजाय व्यवस्था के नाम पर पदों को भरा जाना उचित नहीं है ।वर्तमान में डायटों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया गतिमान लेकिन उसमें प्रत्येक डायट में अलग अलग विषयाध्यापकों को भरने की व्यवस्था की गई है जिससे भविष्य में विसंगति होनी तय है। एन सी टी ई के मानकों की अव्हवेलना की गई है जिस तरह के पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है ऐसे पद डायट में सृजित है ही नहीं।जिससे अव्यवस्था अधिक होनी है। टी ई एफ इस प्रकार की नियमविरुद्ध प्रक्रिया का विरोध दर्ज कर चुका है फिर भी विभाग प्रक्रिया पर अड़ा हुआ है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
फोरम के अध्यक्ष डॉ प्रेम सिंह मावड़ी ने कहा कि नियमावली यदि शीघ्र प्रख्यापित न की गई तो फोरम पुनः व्यापक विरोध प्रदर्शन को बाध्य होगा एवम निदेशालय में धरना प्रदर्शन तथा हो रही अनियमितता को शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के समक्ष रखेगा। बार बार शासन,उच्च अधिकारियों से फोरम द्वारा पत्राचार एवम मुलाकात के बावजूद अभी तक सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस अवसर पर डॉ सी एम जोशी, डॉ के एस रावत, डॉ पी एस मावड़ी, डॉ दयासागर, रवि कुमार जोशी, संदीप जोशी डॉ बी डी पांडेय आदि उपस्थिति थे।