उत्तराखण्ड
अधिकारियों की लालफीताशाही का शिकार मीडिया सेंटर।
हल्द्वानी:-मीडिया सेंटर एक बार फिर यहां नियुक्त अधिकारियों के लालफीताशाही का शिकार हो गया है। आलम ही है कि पत्रकारों द्वारा किसी सूचना प्राप्ति के संदर्भ में बार बार फोन किए जाने के बाद भी मीडिया सेंटर का फोन नहीं उठता है। अधिकारियों के इस अड़ियल रवैये से मीडिया कर्मियों को आए दिन भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां उल्लेखनीय है कि जिस मीडिया सेंटर को यहां स्थापित किए जाने का मुख्य उद्देश्य ही सरकार एवं मीडिया के बीच सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से हुआ है, और सेंटर में तैनात अधिकारी अपने दायित्वों को अंजाम देने की बजाएं सेंटर को जब अपनी मनमर्जी के अनुरूप चलाने लगे तो इसका प्रतिकूल प्रभाव पत्रकारों व मीडिया सेंटर के रिश्तो पर पड़ना स्वाभाविक है। इतना ही नहीं मीडियाकर्मियों के साथ तल्ख होने से प्रदेश सरकार की जनहित से जुड़ी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा।
यहां बता दें कि वर्तमान में तैनात प्रकाश सिंह भंडारी उपनिदेशक व के एल टम्टा अतिरिक्त सूचना अधिकारी के तौर पर मीडिया सेंटर में तैनात हैं। हल्द्वानी के मीडिया कर्मियों का कहना है कि उपरोक्त दोनों अधिकारियों की तैनाती के बाद से ही मीडियाकर्मियों एवं सेंटर के बीच रिश्तो में कड़वाहट बढ़ती चली गई। पत्रकारों का आरोप है कि उपरोक्त अधिकारी मीडिया सेंटर को कार्यालय कम और अपनी जागीर अधिक समझते हैं। जिसके चलते कायदा कानून नाम की कोई चीज मीडिया सेंटर में दिखाई नहीं देती। पत्रकारोंको किसी अधिकारी की जानकारी की पुष्टि करने के लिए यदि मीडिया सेंटर फोन करना हो तो कई मर्तबा फोन की घंटी बजने के बाद भी फोन रिसीव नहीं होता है। पत्रकारों का यह भी कहना है कि 14 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए कई पत्रकारों के कवरेज पास अतिरिक्त सूचना अधिकारी भी अपनी जेब में डाल कर घूमते रहे पर इन कवरेज पास को संबंधित पत्रकारों को उपलब्ध कराने की जहमत तक नहीं उठाई।
पत्रकारों का आरोप है कि अतिरिक्त सूचना अधिकारी की कार्यशैली शुरू से ही विवादित रही है। पत्रकारों का कहना है कि यदि मीडिया सेंटर को लेकर उपरोक्त अधिकारियों ने यदि अपने ढर्रे में बदलाव नहीं किया तो उन्हें जल्द ही पत्रकारों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।