उत्तराखण्ड
जियौ क जंजाल (छोड़ि दे हड़ाहड़)अमर लोकगायक पप्पू कार्की के नये गीत का वीडिओ उत्तरांचल सिरीज (Uttaranchal Series) के यूट्यूब चैनल पर।

अमर लोकगायक पप्पू कार्की का, कुमाऊँ की संस्कृति के प्रति समर्पण भुलाया नहीं जा सकता है।अपने सदाबहार मनोरंजक गीतों के रूप में,आज भी वह हमारे बीच हैं।
हाल ही में,उनका गाया हुआ एक विशेष गीत, उत्तरांचल सिरीज के यूट्यूब चैनल से प्रसारित हुआ है। इस गीत की सहगायिका,गीतिका असवाल हैं।
शराब उत्तराखण्ड के लिये अभिशाप रहा है। शराब ने उत्तराखण्ड के कई घर उजाड़ दिये ,यह बात किसी से छिपी नहीं है। उत्तराखंड में नशाबन्दी को लेकर कई बार प्रदर्शन और आन्दोलन भी हुए हैं।
उक्त गीत मूलरूप से नशाबन्दी पर आधारित है। शराब के नशे में लिप्त व्यक्ति,किस तरह एक सम्पन्न परिवार की दुर्दशा कर देता है , इस गीत में दर्शाया है। गीत समाज-सुधारक के साथ-साथ मनोरंजक भी है।
गीत के रचनाकार, आनन्द बल्लभ पपनैं (अवकाश प्राप्त अध्यापक) हैं। श्री पपनैं ने कुमाऊँनी एवं हिन्दी में अनेक रचनायें की हैं,हाल ही में उनकी कुमाऊँनी रामलीला की पुस्तक “रामलिल” नाम से प्रकाशित हुई है।”रामलिल” का कई बार, श्री पपनैं के निर्देशन में,मंचन भी हुआ है।सन् 1978 के दौरान उनकी कुछ कुमाऊँनी रचनायें आकाशवाणी लखनऊ और नजीमाबाद से प्रसारित हुई हैं। गीत के वीडियो में मुख्य कलाकार ‘देव रौतेला’ (फिल्म केदार के अभिनेता) एवं आरू थपलियाल हैं। गीत का फिल्मांकन , अल्मोडा जिले के विभिन्न स्थानों पर किया गया है।
गीत के वीडियो ने इसे हास्य के साथ,और भी मनोरंजक बना दिया है।











