उत्तराखण्ड
अकेले जा रहे वृद्ध पर भालुओं ने किया हमला।
बहादुरी दिखाते हुए घायल होने के बाद भी भालुओं से लड़ते हुए बचाई जान।
बागेश्वर से योगेन्द्र सिंह मेहता की रिपोर्ट
कपकोट तहसील के विभिन्न हिमालयी क्षेत्र में आए दिन जंगली जानवरों का आतंक रहता है।वही जंगली जानवर भूख मिटाने के लिए मवेशियों को निवाला बनाने के लिए गाँवो में भी आ जाते हैं।जिले में आए दिन मवेशियों को गुलदार द्वारा निवाला बनाए जाने की सूचना आती है।पर जब जंगली जानवरों द्वारा किसी व्यक्ति पर हमला होता है तो सनसनी फैल जाती है।वही गुलदार के बाद जंगली भालू भी इंसानों पर हमला कर जानलेवा हमला करने लगे हैं।ताजा मामला धरमघर वन क्षेत्र के अंतर्गत चुचेर गांव में बुधवार की सुबह भालू ने एक ग्रामीण पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया।अकेले होने के बाद भी घायल वृद्ध ने हिम्मत नही हारी, तभी हमला होने पर भालू के शिर के पास हमला बोला, जिसके बाद ग्रामीणों की भी चीखपुकार हुई तो भालू भाग गया। ग्रामीण घायलावस्था में उसे तत्काल जिला अस्पताल लाए। यहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया है।
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार चुचेर गांव निवासी 60 वर्षीय भगत सिंह कोरंगा बुधवार की सुबह साढ़े छह बजे अपने खेत में जा रहे थे। इसी दौरान उन पर भालू ने हमला कर दिया।इसके बाद घायल ने भालुओं के जोड़े से लोहा लिया।अकेले होने के बाद भी घायल अवस्था में भगत सिंह ने भालुओं के जोड़े से संघर्ष किया। इस दौरान काफी संघर्ष के बाद भालू उन्हें लहूलुहान कर भाग गए।इस दौरान एक भालु ने उनके चेहरे पर हमले से मुंह को निचोड़ दिया।नाखूनों और दांतों के हमले के बाद भी जान की चिंता किए बगैर उन्होंने भालुओं से अपने को घायल अवस्था मे बचाया।जिसके बाद उनकी चीख-पुकार सुनी, जिसके बाद भालू वहाँ से भाग गया। इस दौरान भालू ग्रामीण को जख्मी कर वहां से जंगल की ओर भाग गए।जिसके बाद ग्रामीण घायल को जिला अस्पताल लाए। यहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार को हायर सेंटर रेफर कर दिया। घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। वही मामले में प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी ने घायल का हालचाल जाना तथा घायल के इलाज के लिए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया।इस माह भालू के हमले कीकपकोट तहसील क्षेत्र की यह दूसरी घटना है।