उत्तराखण्ड
बिजली कटौती से त्रस्त जनता अब भी पूरी नहीं हुई आपूर्ति।
उत्तराखंड वासियों को बत्ती गूल से जूझना पड़ रहा है। अंधेरा तो फिर भी मोबाइल की टार्च से कुछ कम हो जाए पर गर्मी और बिजली कटौती का टार्चर अब जनरेटर भी नहीं झेल पा रहा है। गांव कस्बे शहर सब जगह हालात एक जैसे है। लगातार पॉवर कट ने ना सिर्फ वर्क फ्राम होम वाले बल्कि ऑफिस वाले भी परेशान हो गए हैं। बाहर तेज़ धूप और अंदर नो बिजली अब ऐसे में लोगों के पसीने छूट रहे हैं। यूपीसीएल ने बुधवार को बिजली की डिमांड 46 मिलियन यूनिट मानते हुए इंतजाम किए थे लेकिन गर्मी में खपत बढ़ने के चलते पूर्ति नहीं हो पाई। अब गांव कस्बे में 2 से तीन घंटे का पॉवर कट है और शहरों में भी इतने ही घंटे बिजली काटी जा रही है। गर्मी के बीच बिजली की डिमांड 47.7 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई है। यूपीसीएल ने इसके सापेक्ष जरूरी 18 में से 16 मिलियन यूनिट बिजली खरीद ली है। बावजूद इसके गांव कस्बों छोटे शहरों फर्नेश इंडस्ट्रीज में बृहस्पतिवार को भी बिजली कटौती हुई।
किल्लत के बीच इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में बिजली के महंगे दाम यूपीसीएल का खजाना खाली कर रहे हैं। रोजाना यूपीसीएल को 13 से 16 करोड़ रुपये की बिजली खरीदनी पड़ रही है जिसका रोजाना ही भुगतान किया जा रहा है। हालंकि अगर अब भी कमी जारी रही तो खजाना भी ,खाली होगा और कटौती भी जारी रहेगी।