उत्तराखण्ड
राज्य के बेरोजगार घाम तापने के लिए विवश, प्रधानमंत्री कर रहे घाम तापो पर्यटन की बात
डा॰ कैलाश पाण्डेय
- राज्य के बेरोजगार घाम तापने के लिए विवश,
- उत्तराखण्ड यात्रा में प्रधानमंत्री की प्रेम चंद्र अग्रवाल पर चुप्पी शर्मनाक
- पहले घोषित योजनाओं का ही दोहराव
हल्द्वानी:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्ड के हर्षल में हुई जनसभा में आज लगभग उन्हीं बातों का दोहराव किया जो बीते एक दशक से चुनावी रैलियों में वो कहते रहते हैं। ऐसे समय में जब ग्रीष्मकाल आने को है, उस वक्त शीतकालीन यात्रा को प्रमोट करने आए प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी रणनीति को जारी रखते हुए, गढ़वाली के चंद शब्द बोल कर उत्तराखण्ड के लोगों को रिझाने की कोशिश की है। लेकिन इस उत्तराखण्ड के लोगों के बारे में अपशब्द बोलने वाले मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल पर कोई कार्रवाही न करके और इस मामले में खामोशी बरत कर, उन्होंने यह दर्शा दिया कि वे यहां की आम जनता से ज्यादा यहां की जनता को अपशब्द कहने वाले अपने मंत्री के साथ हैं, यह शर्मनाक है।
यह भी दिलचस्प है कि केदारनाथ और हेमकुंड के लिए जिन रोपवे की घोषणा केंद्र द्वारा कल की गयी और प्रधानमंत्री ने आज दोहराया, वो घोषणा 2022 से बार-बार की जाती रही है. इसलिए यह पुरानी घोषणा से जनता को भरमाने की कोशिश है।
प्रधानमंत्री ने हाल में माणा में ऐवलांच का शिकार बने मजदूरों को श्रद्धांजलि देते हुए अपने सम्बोधन की शुरुआत की लेकिन ऐसे विपरीत मौसम में जब वहां कोई नहीं रहता, ऐसी विपरीत स्थितियों में मजदूरों की जान जोखिम में डाल कर क्यों रखा गया ? इस घटना के जिम्मेदारों पर कार्रवाही के मामले में प्रधानमंत्री ने भी चुप्पी ही बरती। मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजे के मामले में भी चुप्पी ही रखी गयी।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री में उस सड़क परियोजना को चार धाम के साथ ऑल वेदर रोड के नाम से भी संबोधित किया, जिसे उनकी ही सरकार अब केवल चार धाम परियोजना ही कहती है। इस सड़क पर जबसे इस परियोजना का काम शुरू हुआ है, तबसे यह ऑल वेदर यानि हर महीने केवल भू स्खलन के मामले में है। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित कमेटी ने तो इस परियोजना के काम को अनियोजित और अवैज्ञानिक करार दिया था। सिलक्यारा जैसी दुर्घटना इसी परियोजना में हुई, जिसके लिए दोषी कंपनी- नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं की गयी।
प्रधानमंत्री पहाड़ के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने को लिए पूरे देश के लोगों का आह्वान कर रहे हैं। लेकिन विकास के नाम पर उनकी सरकार द्वारा संचालित तमाम परियोजनाएं यहां के प्रकृति, पर्यावरण और पारिस्थितिकी को तहस-नहस कर रही हैं। मोदी जी शीत काल में घाम तापो पर्यटन की वकालत कर रहे हैं, लेकिन पहाड़ में घाम तापो पर्यटन की वकालत करने वाले प्रधानमंत्री की डबल इंजन सरकार ने पूरे राज्य के बेरोजगारों को घाम तापने के लिए विवश किया हुआ है। इससे ध्यान बांटने के लिए यह जुमलेबाजी की गई है।









