उत्तराखण्ड
उत्तराखंड शिक्षा विभाग सुस्त गति से कार्य करेगा तो राज्य की शिक्षा व्यवस्था की दशा व दिशा क्या होगी।
श्रीनगर गढ़वाल – माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नव नियुक्ति से प्रभावित अतिथि शिक्षकों के समायोजन के सम्बन्ध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी के 05 अप्रैल को जारी किये गये शासनादेश को 1 माह से अधिक बीत जाने के बाद भी उनका ही विभाग सुध नहीं ले रहा है तो प्रभावित अतिथि शिक्षकों की सुध लेना विभाग कहां लेगा ? यदि उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग इसी प्रकार सुस्त गति से कार्य करेगा तो वह राज्य की शिक्षा व्यवस्था की दशा व दिशा क्या होगी। प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के द्वारा राज्य में 8 वर्षों से अपनी सेवा दे रहे युवाओं को न जाने कितने सुन्दर -सुन्दर सपने व आश्वासन दिये किन्तु वह आज इन बेरोजगारों को नियमित रोजगार देना तो दूर उनका रिक्त पदों पर समायोजन भी नहीं करा पा रहे हैं जिससे प्रदेश का युवा हतोत्साहित चिन्तित व अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है।