उत्तराखण्ड
बेटे के सेना में भर्ती होने पर मजदूर ने लौटाया खाद्य सुरक्षा कार्ड प्रताप की पहल संपन्नता के बावजूद कार्ड का मोह न छोड़ने वालों के लिए है मिशाल।
हेम कांडपाल
चौखुटिया (अल्मोड़ा)। क्षेत्र के एक मजदूर ने बेटे की सेना में भर्ती होने के बाद सोमवार को अपनी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का सफेद कार्ड जमा करके एक मिशाल कायम की है। यह उन लोगों के लिए भी एक सबक है जो संपन्न होने के बाद भी सफेद कार्ड का मोह नही छोड़ पा रहे हैं। संबंधित मजदूर का कहना है कि उसने अपनी आत्मा की आवाज पर कार्ड जमा करने का फैसला लिया है।
ग्राम पंचायत बरलगांव अंतर्गत चौखुटिया नगर पंचायत से लगे अखेती गांव निवासी प्रताप राम ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को दिए जाने वाले सफेद कार्ड का परित्याग कर उन लोगों के लिए एक उदाहरण पेश किया है जो हर तरफ से संपन्न व सक्षम होने के बावजूद सफेद कार्ड की सुविधा लेकर गरीब का हक मारने पर तुले हैं।
व्यवस्था की आंखों में धूल झौंकने वाले ऐसे परिवारों को मजदूर प्रताप राम से सीखने की जरूरत है। प्रताप राम मजदूरी कर परिवार की जीविका चलाते हैं। उन्होंने बड़ी मेहनत व संघर्ष करते हुए अपने बेटों की पढ़ाई जारी रखी। आठ माह पूर्व उनका छोटा बेटा मनोज कुमार सेना में भर्ती हुआ। बेटे के भर्ती होने के दो माह बाद हुई ग्राम पंचायत की खुली बैठक में उन्होंने बेटे की नौकरी का हवाला देकर सफेद कार्ड जमा करने का प्रस्ताव रखा। सोमवार को वे चौखुटिया आकर पत्नी पदमा देवी के नाम से बना कार्ड क्षेत्रीय खाद्य निरीक्षक मनोज विश्वकर्मा के कार्यालय में आकर उन्हें सौंप गए।
उनके दो बेटे हैं छोटा बेटा मनोज सेना में व बड़ा बेटा वैल्डिंग का कार्य करने के साथ ही एसआई की तैयारी कर रहा है। प्रताप राम का कहना है कि जो परिवार सक्षम व संपन्न हैं उन्हें गरीबी रेखा वाला कार्ड स्वतः ही छोड़ देना चाहिए। उनका कहना है कि बेटे की नौकरी लगते ही उन्होंने कार्ड जमा करने का संकल्प लिया था। इसमें मिलने वाले राशन अब किसी और जरूरतमंद गरीब के परिवार को राहत मिल पाएगा जिससे उनकी आत्मा भी संतुष्ट होगी।
क्षेत्रीय खाद्य निरीक्षक भी हुए प्रभावित
क्षेत्रीय खाद्य निरीक्षक मनोज कुमार विश्वकर्मा भी प्रताप राम की पहल से प्रभावित हैं उन्होंने बताया कि प्रताप राम ने अपनी पत्नी पदमा देवी के नाम से बना राष्ट्रीय सुरक्षा का सफेद कार्ड सोमवार को जमा कर दिया है। उम्मीद है कि प्रताप राम जैसे मजदूर की इस प्रेरणादायक पहले से उन लोगों का जमीर भी जागेगा जो संपन्न होने के बावजूद सफेद कार्ड की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। कहा कि प्रताप राम की पहल ने दिल की गहराईयों तक सकुन पैदा किया है। ऐसे व्यक्ति को अंतर मन से नमन करता हूं।