उत्तर प्रदेश
आर्य कन्या डिग्री कॉलेज प्रयागराज में स्वर्ण जयंती समारोह का तृतीय दिवस का हुआ आयोजन

लखनऊ:आर्य कन्या डिग्री कालेज में आयोजित सार्थक स्वर्ण जयंती समारोह के तीसरे दिन महाविद्यालय परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन एवं मंत्रोच्चार के साथ हुआ। तत्पश्चात महाविद्यालय की गरिमा के अनुरूप कुलगीत व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुये कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती के विचारों व आदर्शों की बुनियाद पर स्थापित आर्य कन्या महाविद्यालय की अपनी एक ख्याति है। स्वामी जी ने समाज व देश में क्रान्तिकारी परिवर्तन कर मातृशक्ति को स्वतन्त्र व आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि महिलायें शिक्षित होती हैं तो पूरा परिवार अपने आप शिक्षित हो जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये शासी निकाय के अध्यक्ष पंकज जायसवाल ने अपने उदबोधन में कहा कि महाविद्यालय 50 वर्षों की अपनी गरिमामयी यात्रा पूरी कर चुका है और इस दौरान महाविद्यालय स्वामी दयानन्द सरस्वती के चिंतन का अनुसरण करता आया है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय छात्राओं को ज्ञान के साथ-साथ संस्कार व व्यावहारिक जीवन के लिए उपयोगी कौशल भी प्रदान किये जाते है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद व मंत्री डॉ० रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी द्वारा स्थापित आर्य समाज व उससे संचालित आर्य कन्या जैसे महाविद्यालय भारत की संस्कृति, परम्परा व चिंतन के संवाहक हैं। उन्होंने छात्राओं से कहा कि जीवन जीना भी एक पद्धति है और जिसकी पद्धति अच्छी होगी, उसे सफलता अवश्य मिलती है।
समारोह में मुख्य आकर्षण का केन्द्र मुम्बई बॉलीवुड से पधारे कलाकारों द्वारा मंचित किया गया नाटक रहा। ‘जीना इसी का नाम है’ नामक नाटक का मंचन प्रख्यात अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता व अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने अपने अभिनय के माध्यम से प्रस्तुति दी। जिसे खूब सराहा गया।
कार्यक्रम में इससे पूर्व मुख्य अतिथि परिवहन मंत्री ने फिलैटेलिक सोसाइटी व डाक विभाग के संयोजन से आर्य कन्या महाविद्यालय की पाँच दशकों की गौरवमयी यात्रा पर विशेष आवरण जारी किया। कार्यक्रम का संचालन चीफ प्राक्टर डॉ० रंजना त्रिपाठी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्या प्रो० अर्चना पाठक ने किया। कार्यक्रम में पी० सी० जोशी, डॉ० आदित्य सिंह, राजेश वर्मा, एम. गुलरेज, अशोक मित्तल, अनिल गुप्ता, मो० शरीक, रविन्द्र नाथ जायसवाल, अनिल कुमार गुप्ता, पी. एन. मिश्र, अरुणेश जायसवाल, भानु प्रकाश अग्रवाल, कृष्ण मोहन गुप्ता, विनोद जायसवाल, सुभाष जायसवाल, कमलेन्द्र जायसवाल, एडवोकेट, टी. एन. जायसवाल, डॉ० उर्मिला श्रीवास्तव, प्रो० इभा सिरोठिया, प्रो० अंजू श्रीवास्तव, प्रो० नीलांजना जैन, डॉ० श्याम कान्त, डॉ० अमित पाण्डेय, डॉ० अमित मिश्र, डॉ० सव्य सांची त्रिपाठी डॉ० अमित कुमार शुक्ला, डॉ० चित्रा चौरसिया, डॉ० दीपशिखा पाण्डेय, डॉ० स्मिता, डॉ० नाज़नीन फारूकी, डॉ० शशि कुमारी, डॉ० सोनमती पटेल आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा बड़ी संख्या में छात्रायें मौजूद रहीं।











