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सुरंग हादसा: ऑगर मशीन की बेयरिंग में खराबी आने से बचाव व राहत कार्य रुका

उत्तरकाशी

सुरंग हादसा: ऑगर मशीन की बेयरिंग में खराबी आने से बचाव व राहत कार्य रुका

उत्तकाशी। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में पिछले छह दिन से फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए 22 मीटर तक ड्रिल के बाद काम रोक दिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि ड्रिलिंग का काम कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन की बेयरिंग में खराबी आ गई है। जिसके चलते काम रुक गया है। वहीं, एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि मशीन चलने से हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। जिससे मलबा गिरने का खतरा है। इसी लिए बीच में काम रोकने का निर्णय लिया गया है।

वहीं, मलबे में पड़े चट्टानी बोल्डर पाइप डालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग में बाधा बन रहे हैं। शुक्रवार सुबह जब चौथा पाइप डाला जा रहा था तो किसी कठोर वस्तु के चलते ड्रिलिंग का काम बाधित हुआ। जिस पर मजदूरों ने पाइप के अंदर घुसकर जांच की तो यह बोल्डर निकला। जिसे हटाया गया। फिर दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई, लेकिन दोपहर बाद दोबारा चट्टानी बोल्डर आगे आ गया। जिसके बाद से ड्रिलिंग का काम रुका हुआ है।

दरअसल यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा से पोलगांव तक 4.5 किमी सुरंग में भूस्खलन के बाद से 40 मजदूर छह दिन से फंसे हुए हैं। मजदूरों को निकालने के लिए पहले जेसीबी आदि मशीनों से मलबा हटाया जा रहा था, लेकिन बार-बार मलबा गिरने पर सोमवार को देहरादून से ऑगर मशीन मंगाकर ड्रिलिंग शुरू की गई, लेकिन इसकी क्षमता कम होने के कारण बुधवार को दिल्ली से वायुसेना के तीन हरक्यूलिस विमानों से 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन मंगवाई गई।

जिससे बृहस्पतिवार सुबह दस बजे ड्रिलिंग शुरू की गई थी, लेकिन एक पाइप को डालने में औसतन चार से छह घंटे का समय लग रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा सावधानी दो पाइपों को आपस में जोड़ने के लिए वेल्डिंग करते समय बरतनी पड़ रही है। इस काम में ही डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है।

प्रेसवार्ता कर एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया कि अमेरिकी ऑगर मशीन से 22 मीटर ड्रिलिंग का काम किया गया है। सुरंग के अंदर 1750 हार्स पॉवर की ऑगर मशीन के चलने से कंपन हो रहा है। जिससे सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके चलते मलबा गिरने का खतरा है। इसे ध्यान में रखते हुए अब बीच में कुछ समय रुकेंगे और फिर काम शुरू करेंगे।

चौथे पाइप का दो मीटर हिस्सा वेल्डिंग के लिए बाहर छोड़ा गया है। पांचवें पाइप को वेल्डिंग कर जोड़ दिया गया है। कुछ समय बाद इसको डालने के लिए ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा। बेयरिंग खराब होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब मशीन चलती है तो बेयरिंग खराब होती ही है। जिससे बदला जाएगा।

ऑगर मशीन डीजल से चलती है। सुरंग के अंदर डीजल मशीन से वेंटिलेशन में दिक्कत आ रही है। ऐसे में वेंटिलेशन के लिए कंप्रेशर चलाया जा रहा है। जिससे सुरंग में वाइब्रेशन (कंपन) बढ़ रहा है। हालांकि एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि डीजल मशीन के चलते वेंटिलेशन में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए बीच-बीच में कंप्रेशर चलाकर हवा को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है।

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