धर्म-संस्कृति
वैशाखी (विषुवत संक्रान्ति)
14 अप्रैल 2023 दिन शुक्रवार को वैशाखी (विषुवत संक्रांति) मनाई जाएगी।
जिन जातकों को विषुवत संक्रांति चंद्र बल अशुद्धि (अपैट) एवं वामपाद दोष है उन सभी को विषुवत संक्रांति पर्व पर रुद्राभिषेक एवं कुछ विशेष उपाय करने चाहिए।
अपैट– संवत्सर प्रतिपदा के दिन मेष सिंह एवं धनु राशि के जातकों को तथा विषुवत संक्रांति (एक गते वैशाख) के दिन मिथुन तुला कुंभ राशि के जातकों को अपैट है।
उपाय–विषुवत संक्रांति (14 अप्रैल 2023) पर रुद्राभिषेक करें दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। कुल पुरोहित या शिव मंदिर में सफेद वस्त्र, मोती चांदी, चावल, दूध, दही, घृत, शंख, दक्षिणा इत्यादि का दान करें। चावल से खीर बनाकर जरूरतमंदों को प्रसाद रूप में वितरित करें।
वामपाद दोष– मकर राशि के घनिष्ठा नक्षत्र के जातकों को, संपूर्ण कुंभ राशि के जातकों को एवं मीन राशि के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के जातकों को वामपाद दोष रहेगा।
जिसके परिणाम स्वरूप वर्षभर शारीरिक कष्ट, व्यर्थ विवाद, अशांति एवं मानसिक तनाव होने की संभावना रहती है।
उपाय–अरिष्ट निवारण हेतु रुद्राभिषेक करें एवं चांदी का बायां पैर बनवाकर लाल वस्त्र, सफेद वस्त्र, चावल, दही, दूध, चांदी, मोती, दक्षिणा का शिव मंदिर में दान करें।
इसके अतिरिक्त भरणी, कृतिका, रोहिणी, उत्तराभाद्रपद, रेवती, अश्विनी नक्षत्र के जातकों को क्रमशः विषुवत संक्रांति हाथ में एवं दाहिने पैर में होने संक्रांति फल प्रतिकूल रहेगा। परिणाम स्वरूप व्यर्थ भ्रमण, अधिक परिश्रम, देशाटन, शारीरिक कष्ट, धन हानि रहने की संभावना रहेगी।
अतः इन सभी नक्षत्रों से संबंधित जातक शांति हेतु रुद्राभिषेक करें एवं दुर्गासप्तशती का पाठ करें।
ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी
839580 6256